कोलकाताः कोविड-19 महामारी के बीच देखा जा रहा है कि ओमिक्रॉन के मामले भी अचानक पूरे देश में बढ़ रहे हैं। ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट भी लोगों को इससे सचेत कर रहे हैं। अब यह भी चर्चा है कि क्या अगले साल फरवरी में ओमिक्रॉन के मामले पीक पर होंगे। नारायणा हॉस्पिटल के वरिष्ठ मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ.सौरेन पांजा ने कहा कि ओमिक्रॉन को लेकर अब भी सटीक तथ्य किसी के पास नहीं है। हालांकि यह काफी तेजी से फैल सकता है। ऐसे में सतर्क रहकर इससे मुकाबला किया जा सकता है।
भीड़ न पड़ जाए भारी
पूरी दुनिया कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर चिंतित है। इस बीच देश के नेशनल कोविड-19 सुपरमॉडल समिति का कहना है कि भारत में ओमिक्रॉन स्वरूप तीसरी लहर फरवरी में चरम पर होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन जब हावी होगा और डेल्टा की जगह लेगा तो वायरस का यह स्वरूप संक्रमण का प्रमुख कारक होगा। डॉ.सौरेन पांजा ने कहा कि दरअसल लोग अक्सर फेस्टिव सीजन में नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। जरूरत है कि फिर से लोग मॉस्क लगाएं। सैनिटाइजर का उपयोग करें। भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
नए वेरिएंट की तेज रफ्तार लेकिन ज्यादा खतरनाक नहीं
डॉ. सौरेन पांजा ने कहा कि कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन जिस तरह से फैल रहा है उससे स्पष्ट है कि उसका ट्रांसमिशन तेजी से हो सकता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए सावधानी ही पहला उपचार है। कोविड सम्मत व्यवहार का पालन कर वायरस को हावी होने से रोका जा सकता है। इसकी रफ्तार तेज है हालांकि अब तक के अध्ययन से यही पता चलता है कि यह ज्यादा खतरनाक नहीं है। धीरे-धीरे दवाएं भी बढ़ रही हैं।
कई निजी अस्पतालों ने बनाए अलग वार्ड
निजी अस्पतालों ने बढ़ते ओमिक्राॅन के मामले के बाद विशेष तैयारी की है। कई ने अलग वार्ड तैयार कर लिए हैं। इसी क्रम में आमरी अस्पताल ने मार्च 2020 से सरकार द्वारा जारी किए गए प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए उपायों को फिर से लागू किया है। आमरी अस्पताल ने अपनी सभी इकाइयों में इन दिशानिर्देशों का पालन करना सख्त कर दिया है।
बाहर से आने वाले यात्रियों पर विशेष नजर
आमरी ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के सीईओ, रूपक बरुआ ने कहा, हमने सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए मार्च 2020 में कोविड-19 टास्क फोर्स का गठन किया था, हमारे किसी भी अस्पताल में पहला मरीज आने से पहले ही टास्क फोर्स में कोविड-19 रोगियों को बहु-अनुशासनात्मक सहायता प्रदान करने के लिए विशिष्टताओं के शीर्ष विशेषज्ञ शामिल हैं।
दिशन हॉस्पिटल के उपप्रबंध निदेशक तापस मुखर्जी ने कहा कि ओमिक्राॅन को लेकर हम आईसीएमआर की गाइडलाइन का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि हम हर परिस्थिति से निपटने को तैयार हैं।
आमरी की कोविड-19 टास्क फोर्स ने फैसला किया है कि आरटी-पीसीआर में कोविड-19 के लिए सकारात्मक परीक्षण करने वाले और यात्रा का इतिहास रखने वाले सभी रोगियों को ओमिक्रॉन के लिए जीनोम अनुक्रमण से गुजरना होगा। यदि वे ओमिक्रॉन के लिए सकारात्मक परीक्षण करते हैं, तो वे अस्पताल में आईसोलेशन में रहेंगे और 48 घंटे के अंतराल पर किए गए दो आरटी-पीसीआर परीक्षणों में नकारात्मक परीक्षण करने के बाद ही उन्हें छुट्टी दी जा सकती है।
अब तक राज्य की स्थिति
ओमिक्रॉन के कुल मामले-5
तो क्या पीक पर होगा ओमिक्रॉन…
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