1000 जूतों को चमका कर लोगों के चेहरे पर चमक लाने में जुटा है सो सो लैन

जापान का युवक भारत में कर रहा बूट पॉलिश करने का काम
यहां से होने वाली कमाई के जरिए जापान खोलेगा बूट पॉलिश की दुकान
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : इंसान की पहचान उसके जूतों से होती है। यह कहावत आज भी कही मानी जाती है। पहली मुलाकात में जितना कपड़ों और हुलिए से इंप्रेसन पड़ता है उतना ही जूते भी इसमें चार चांद लगाने में मददगार होते हैं। जापान का एक युवक इन दिनों विश्व के अलग-अलग देशों में घूम कर लोगों के जूते पॉलिश कर उनके चेहरों पर मुस्कान लाने की पहल में जुटा है। जापान के ओसाका शहर का रहने वाला सो सो लैन इन दिनों आपको महानगर में राह चलते सड़क किनारे जूता पॉलिश करते नजर आ जाएगा। 28 वर्षीय सो सो का लक्ष्य दुनिया भर में घूम- घूम कर 1,000 जूते पॉलिश करना है। वह बीते 9 महीनों से इस लक्ष्य को पूरा करने में जुटा है और अब तक 687 लोगों के जूते पॉलिश भी कर चुका है । इसी मुहिम के तहत सो सो लैन भारत आया है।
आखिर सो सो क्यों करता है लोगों के बूट पॉलिश
सो सो यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो से ग्रेजुएट है। वह फिजिकल एजुकेशन का शिक्षक बनना चहता था। लेकिन कई प्रयास के बाद भी उसे लाइसेंस नहीं मिला। अच्छी नौकरी की तलाश में कई महीने तक भटकने के बाद जब कहीं से कोई उम्मीद नहीं दिखी तो उसने तय किया कि वह जूता पॉलिश करेगा। सो सो ने जब अपने बिजनेस आइडिया के बारे में अपने परिवार को बताया तो सभी हैरान थे। मां और दो बहनों ने तो उसके इस विचार को सिरे से खिराज कर दिया। पर पिता अकियोसी सो सो ने बेटे का समर्थन किया। पिता ने कहा कि दुनिया में कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं होता। फिर क्या था सो सो ने इंटरनेट से जूता पॉलिश करने के गुर सिखे और ओसाका में लोगों के जूते पॉलिश करने लगा। इस दौरान उसने लोगों के व्यक्तित्व को समझने की कोशिश की। जो लोग जूता पॉलिश कराने आते वह बड़े रुखे ढंग से बर्ताव करते लेकिन पॉलिश किए जूते पहनने के साथ ही उनकी मनोस्थिति में बदलाव देखने को मिलती है। इसका कारण चमकदारे जूते को पहन कर हर कोई अच्छा महसूस करता। उनके चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है। लोगों में इस बदलाव को देख सो सो यह समझ गया कि जूता पॉलिश करने से लोगों के बीच खुशी भी बांटी जा सकती है। इसके बाद सो सो ने केवल ओशाका में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लोगों का जूता पॉलिश करने का मन बनाया और सामान बांध कर निकल पड़ा।

अब तक 7 देश में 687 लोगों का जूता कर चुका है पॉलिश
बीते 9 महीने में सो सो लैन ने लाओस, कम्बोडिया, फिलीपींस, मलेशिया, वियतनाम और ऑस्ट्रेलिया का दौरा कर 687 लोगों के जूते पॉलिस कर चुका है। लोग इच्छानुसार जीतने रुपये दे देते उसे वह मुस्करा कर रख लेता है। जूता पॉलिश कर सो सो व्लॉगिंग कर अपने विचार साझा करता है। शुरुआती कुछ दिनों में लोगों से संपर्क करने में काफी परेशानी आती थी। लोग जापानी भाषा समझते नहीं थे और सो सो की अंग्रेजी में हाथ तंग है। लेकिन गंदा जूता पहन कर घूम रहा व्यक्ति जूता पॉलिश करने वाले को फौरन पहचान लेता है। इन दिनों यह 28 वर्षीय युवक कोलकाता में घूम- घूम कर लोगों के जूते पॉलिश कर रहा है। सो सो से जब हमने लोगों से संवाद करने में आ रही मुश्किलों के बारे में पूछा तो उसने बताया कि कोलकाता में लोगों से बातचीत करना आसान है। जितनी अग्रेजी उसे आती है, उतनी ही जूता पॉलिस कराने आए व्यक्ति को भी। आधी- अधूरी बात समझकर दोनों अपना काम निकलवा लेते हैं। सो सो कोलकाता के बाद वाराणसी, नई दिल्ली और मुंबई भी जाना चाहता है। जिसके बाद वह युरोपीय देशों में जाकर लोगों के जूते पॉलिस करना चाहता है। सो सो ने बताया कि 1,000 लोगों के जूते पॉलिस करने के बाद वह अपने देश लौट जाएगा और अपने शहर में बूट पॉलिश करने की दुकान खोलेगा।

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