
गंगा के नीचे एवं बहूबाजार जैसे संवेदनशील इलाकों के लिए पार्टवाइज होगा ट्रायल
5 से 6 महीने के समय में पहले गंगा के नीचे और फिर बहूबाजार के हिस्सों की होगी जांच
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाताः यदि सब कुछ सही रहा तो सियालदह से हावड़ा मैदान तक के बीच आगामी दुर्गापूजा के बाद ट्रॉयल रन शुरू किया जा सकता है। यह ट्रायल बहुत समय लेकर किया जायेगा, क्योंकि एक तो ट्रेन गंगा के नीचे से जायेगी और दूसरी वजह है कि बहूबाजार में हुए दो हादसों के बाद यहां पर मेट्रो का कुछ काम अब भी बाकी है। ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर का काम 2006-07 में शुरू हुआ था। 16.6 किलोमीटर के खंड का एक छोटा सा हिस्सा पहले से ही चालू है, लेकिन महत्वाकांक्षी गलियारा जो साल्टलेक सेक्टर-5 को हावड़ा मैदान से जोड़ेगा और हुगली नदी के नीचे पानी के नीचे से चलेगा, कोविड महामारी व बहूबाजार में हुए दो हादसों के कारण विलंबित हो गया। हावड़ा मैदान मेट्रो स्टेशन 30 मीटर की गहराई पर भारत का सबसे गहरा स्टेशन होगा। सूत्रों की मानें तो मेट्रो के कुछ काम महाकरण स्टेशन व एस्प्लानेड में बाकी है। इनके पूरा होते ही संभावना है कि ट्रॉयल रन किया जा सकता है। इसके लिए ईस्ट बाउंड टनेल को उपयोग में लिया जा सकता है। ट्रॉयल के बाद फिर से एस्प्लानेड से इसे घुमाकर भेजा जा सकता है।
पार्टवाइज होंगे ट्रायल रन
इस बारे में केएमआरसीएल से मिली जानकारी के अनुसार ये ट्रायल रन पार्टवाइज किये जायेंगे। पहले होगा गंगा के नीचे का ट्रायल रन क्योंकि इस हिस्से का काम पूरा हो गया है। इसमें करीब 5 से 6 महीने का समय लगेगा। इस दौरान बहूबाजार वाले हिस्से का काम पूरा हो जायेगा तो वहां भी ट्रायल रन करके दोनों की पहले पार्टवाइज रिपोर्ट आईएसए (इंडिपेंडेंट सेफ्टी एसेसेमेंट) को भेजी जायेगी। इसके बाद साल्टलेक से लेकर हावड़ा मैदान के बीच ट्रायल रन करने के बाद उसकी एक क्लब रिपोर्ट फिर से आईएसए को दी जायेगी। इसके बाद सीआरएस के लिए अनुमति ली जायेगी।
देश में पहली ऐसी मेट्रो जो अंडरग्राउंड, नदी के नीचे व ऊपर चलेगी
एक तरफ जहां मेट्रो या तो अंडरग्राउंड और ऊपर चल रही है, वहीं यह देश की ऐसी मेट्रो होगी जो कि अंडरग्राउंड, पानी के नीचे व ऊपर चलेगी। यह देश में पहली बार होगा कि ट्रेनें देश में कहीं और की तुलना में अधिक गहराई में चलेंगी। मेट्रो कॉरिडोर के तहत साल्टलेक सेक्टर-5 से फूलबागान तक मेट्रो चल रही है। जल्द ही इसके सियालदह तक चलाए जाने की उम्मीद है।
कई विरासत इमारतों के नीचे से होकर गुजरेगी मेट्रो
साल्टलेक सेक्टर-5 से हावड़ा मैदान तक 16.6 किलोमीटर मेट्रो की परियोजना है। मेट्रो कॉरिडोर में विशेषकर जब हावड़ा मैदान से मेट्रो शुरू हो जाएगी तो यह कई विरासत इमारतों के नीचे से होकर गुजरेगी। इसमें महाकरण बिल्डिंग, हावड़ा ब्रिज सहित अनेकों विरासत शामिल हैं। जमीन की कमी के कारण एस्प्लानेड और सियालदह के बीच कोई स्टेशन नहीं है। एक शाफ्ट के माध्यम से सुरंग में ताजा हवा पंप करने के लिए सुबोध मल्लिक स्क्वायर (वेलिंगटन स्क्वायर) में एक वेंटिलेशन बनाया जा रहा है, जो एक आपातकालीन एक्जिट प्वाइंट के रूप में भी काम करेगा।