राज्य में हैं 3254 स्कूल जहां शिक्षक हैं मगर बच्चे नहीं | Sanmarg

राज्य में हैं 3254 स्कूल जहां शिक्षक हैं मगर बच्चे नहीं

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देश भर में पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक है जीरो एनरोलमेंट स्कूलों की संख्या
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में 3254 स्कूल ऐसे हैं जहां शिक्षक तो हैं मगर स्टूडेंट्स नहीं हैं। देश भर में जीरो एनरोलमेंट स्कूलों की संख्या पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक है। दरअसल, केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय के यूडीआईएसई (यूनाइटेड डिस्ट्रिक्ट इनफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एडुकेशन) की ओर से वर्ष 2023-24 के लिए यह आंकड़े जारी किये गये हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि राज्य में ऐसे कितने स्कूल हैं जहां केवल एक ही शिक्षक है।
2023-24 में हुए इतने नामांकन
जारी आंकड़ों में बताया गया कि वर्ष 2023-24 में पश्चिम बंगाल के कुल 93945 स्कूलों में 1,80,15,525 नामांकन हुए हैं। इन स्कूलों में कुल शिक्षकों की संख्या 5,76,557 है। सबसे अधिक स्कूल उत्तर प्रदेश में हैं जहां 2,55,087 स्कूल हैं। इन स्कूलों में 4,16,62,794 नामांकन हुए हैं और शिक्षकों की संख्या 15,38,479 है। सबसे कम स्कूल चण्डीगढ़ में है जहां केवल 230 स्कूल हैं। इन स्कूलों में 2,65,706 नामांकन हुए हैं और शिक्षकों की संख्या 10,237 है।
ऐसा है छात्र-शिक्षक अनुपात
पश्चिम बंगाल के स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात 31 है यानी 31 स्टूडेंट्स पर एक शिक्षक है। झारखण्ड में छात्र-शिक्षक अनुपात 35 है जबकि बिहार में यह अनुपात 32 है। पश्चिम बंगाल में प्रति स्कूल औसत शिक्षकों की संख्या 6 है। सबसे अधिक चण्डीगढ़ में प्रति स्कूल औसत शिक्षकों की संख्या 45 है।
बंगाल के बाद है राजस्थान और तेलंगाना
जीरो एनरोलमेंट स्कूलों के मामले में पश्चिम बंगाल के बाद राजस्थान और तेलंगाना का नाम है। राजस्थान में जीरो एनरोलमेंट स्कूलों की संख्या 2167 है जबकि तेलंगाना में ऐसे स्कूलों की संग्या 2097 है।
जीरो एनरोलमेंट स्कूलों में हैं 14 हजार से अधिक शिक्षक
राज्य के स्कूलों में 14627 शिक्षक ऐसे हैं जिनके पास हर महीने बगैर पढ़ाये ही वेतन पहुंच जा रहा है। ये शिक्षक राज्य के जीरो एनरोलमेंट स्कूलों के हैं। पश्चिम बंगाल के बाद ऐसे शिक्षकों की संख्या राजस्थान में सबसे अधिक है जहां 4398 ऐसे शिक्षक हैं जो बगैर स्टूडेंट्स वाले स्कूलों में हैं। वहीं ऐसे स्कूल जहां केवल एक शिक्षक है, उनकी संख्या मध्य प्रदेश में सबसे अधिक है। यहां 13198 स्कूल ऐसे हैं। मध्य प्रदेश के बाद आंध्र प्रदेश में ऐसे 12,611 स्कूल हैं। आंध्र के बाद ही पश्चिम बंगाल का नंबर है जहां एक शिक्षक वाले स्कूलों की संख्या 6366 है। पश्चिम बंगाल में एक शिक्षक वाले स्कूलों में 2,48,696 नामांकन हुए हैं।
यह कहना है ​शिक्षक समिति का
बंगीय शिक्षक व शिक्षा कर्मी समिति के महासचिव स्वपन मण्डल ने सन्मार्ग से कहा, ‘यह काफी दुर्भाग्य की बात है कि जीरो एनरोलमेंट स्कूल सबसे अधिक हमारे राज्य में हैं। शिक्षा विभाग की गलत नीतियों के कारण ऐसा हुआ है। ड्रॉप आउट की दर कम करने के लिए भी कुछ नहीं किया जा रहा है। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि केवल भत्ते या बैग, नोटबुक, टैब उपलब्ध कराकर शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं किया जा सकता। इसके लिए बुनियादी ढांचे का विकास होना आवश्यक है जिसे इस सरकार ने पिछले 13 वर्षों से उपेक्षित किया है। सरकार को उचित शिक्षा नीति लागू करनी चाहिए।’ – मधु सिंह

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