कोलकाता : शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में सीबीआई द्वारा नॉर्थ बंगाल यूनिवर्सिटी (एनबीयू) के कुलपति सुबीरेश भट्टाचार्य की गिरफ्तारी के मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद सौगत रॉय ने बुधवार को अपने निलंबित पार्टी सहयोगी पार्थ चटर्जी पर कुलपति के पद की गरिमा को कम करने का आरोप लगाया है। सौगत रॉय ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें यकीन नहीं है कि भट्टाचार्य की किस विशेष योग्यता के चलते उच्च शिक्षा विभाग ने उन्हें कई पदों के लिए चुना जिनमें स्कूल सेवा आयोग की अध्यक्षता से लेकर…एनबीयू के कुलपति का वर्तमान पद भी शामिल है। तृणमूल के वरिष्ठ नेता ने कहा कि भट्टाचार्य की हमारी पार्टी के प्रति कोई निष्ठा भी नहीं रही है। वह निश्चित ही किसी एक व्यक्ति के प्रति निष्ठावान रहे होंगे। मैं समझता हूं कि पार्थ चटर्जी की वजह से पार्टी बड़ी असहज स्थिति में है। भट्टाचार्य कलकत्ता विश्वविद्यालय सीनेट समिति के सदस्य तथा यहां श्यामाप्रसाद कॉलेज के प्राचार्य भी थे। इन पदों से उन्होंने इस्तीफा भी नहीं दिया। रॉय ने सवाल किया कि उनकी ऐसी कौन सी महान योग्यता थी कि एक ही व्यक्ति कई पदों पर होना चाहिए? भट्टाचार्य की गिरफ्तारी पर अपनी पीड़ा प्रकट करते हुए रॉय ने कहा कि कोई कुलपति जेल की सलाखों के पीछे है। ऐसी घटनाएं कुलपति की प्रतिष्ठा को गिराती हैं। रॉय की प्रतिक्रिया पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि रॉय पूरा आरोप एक या दो व्यक्तियों पर डालने की चेष्टा कर रहे हैं। लेकिन उससे वे और पार्टी के अन्य दिग्गज अध्यापन की नौकरी के लिए उन हजारों हकदार प्रत्याशियों के साथ की गयी नाइंसाफी (के दोष) से नहीं बच पायेंगे जो शहर में प्रदर्शन कर रहे हैं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि सीबीआई द्वारा कुलपति की गिरफ्तारी किये जाने के बाद पूरे देश में बंगाल की प्रतिष्ठा गिर गयी है। प्रोफेसर होने के नाते रॉय इसबात से जरूर वाकिफ होंगे कि अभी बहुत से राज दबे पड़े हैं।