सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : अगर आपके नये कॉमर्शियल वाहन में ह्वीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस नहीं लगा हुआ है तो फिर वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा। इस तरह के कॉमर्शियल वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं करने की शुरुआत भी परिवहन विभाग ने कर दी है। गत 1 दिसम्बर से इस तरह के कॉमर्शियल वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा रहा है और चूंकि फिलहाल किसी मैन्युफैक्चरर द्वारा वाहनों में वीएलटीडी नहीं लगायी जा रही है, इस कारण नये कॉमर्शियल वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है। वीएलटीडी लगाये बगैर कॉमर्शियल वाहनों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं हो पा रहा है। एक दिन में पूरे पश्चिम बंगाल में अगर 100 कॉमर्शियल वाहन रजिस्ट्रेशन के लिए आ रहे हैं तो आरटीए से कहा जा रहा है कि पहले मैन्युफैक्चरर द्वारा वाहनों में इनबिल्ट वीएलटीडी लगाना होगा, इसके बाद ही रजिस्ट्रेशन हो सकेगा। ऐसे में रजिस्ट्रेशन के लिए आने वाले नये कॉमर्शियल वाहनों को वीएलटीडी फिट नहीं किये जाने के कारण रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है और इससे इन वाहनों के मालिकों को काफी समस्या आ रही है।
यहां उल्लेखनीय है कि लगभग एक महीने पहले कॉमर्शियल वाहनों में वीएलटीडी लगाने को लेकर परिवहन विभाग ने विज्ञप्ति जारी की थी। पहले इस साल ही सभी वाहनों में वीएलटीडी लगाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन बाद में एक और निर्देशिका जारी की गयी थी। इसमें बताया गया था कि यात्री व मालवाही वाहनों में 1 दिसम्बर से ‘ह्वीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी)’ लगाना होगा। हालांकि उपयुक्त संरचना के अभाव में परिवहन विभाग द्वारा पहले का निर्णय बदलते हुए नयी निर्देशिका जारी कर कहा गया कि 1 अप्रैल से वीएलटीडी की व्यवस्था लागू करनी होगी। अब कहा गया है कि 31 मार्च के अंदर निजी वाहनों के मालिकों को यह डिवाइस अपनी गाड़ियों में लगानी होगी। साथ ही परिवहन विभाग द्वारा कहा गया कि यह नया निर्णय लागू नहीं होने तक शर्तों के साथ गाड़ी का ‘क्लियरेंस सर्टिफिकेट (सीएफ)’ दिया जायेगा।
बगैर रजिस्ट्रेशन के सड़क पर नहीं उतार पा रहे वाहन
वेस्ट बंगाल ऑनलाइन कैब ऑपरेटर्स गिल्ड के सचिव इंद्रनील बनर्जी ने सन्मार्ग से कहा, ‘बगैर रजिस्ट्रेशन के वाहन मालिक सड़कों पर वाहन नहीं उतार पा रहे हैं। पुराने वाहनों को वीएलटीडी फिट करने के लिए समय मिला है, लेकिन नये वाहनों का रजिस्ट्रेशन मना कर दिया जा रहा है। हालांकि जिन वाहन मालिकों ने बैंक से लोन लेकर वाहन खरीद लिया है, उनकी ईएमआई भी चालू हो चुकी है जबकि वाहनों को सड़कों पर नहीं उतार पाने के कारण वाहन मालिकों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।’
वीएलटीडी को लेकर दी गयी चिट्ठी
इधर, वीएलटीडी फिट करने को लेकर कई सवाल उठाते हुए परिवहन संगठन वेस्ट बंगाल ऑनलाइन कैब ऑपरेटर्स गिल्ड द्वारा राज्य के परिवहन मंत्री स्नेहाशिष चक्रवर्ती को चिट्ठी दी गयी थी। इसमें पूछा गया था कि वीएलटीडी फिट करने में कितना खर्च आयेगा ? इसके अलावा वीएलटीडी मशीनों के मेंटेनेंस में साल में कितना खर्च आयेगा ? इसमें कोई त्रुटि या गड़बड़ी होने पर इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी ? केंद्रीय कानून के अनुसार, र्व्ष 2019 के बाद से जो वाहन सड़क पर उतरेंगे, उनमें वीएलटीडी लगाना अनिवार्य होगा। हालांकि अगर वीएलटीडी फिट नहीं रहा तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी ? फिलहाल संगठन द्वारा दी गयी चिट्ठी का कोई जवाब परिवहन विभाग से नहीं आया है। हालांकि बताया गया है कि 31 मार्च तक वीएलटीडी नहीं लगाने पर दैनिक 50 रुपये जुर्माना वसूला जायेगा।
ट्रैकिंग डिवाइस लगाये बगैर नहीं होगा कॉमर्शियल वाहनों का रजिस्ट्रेशन
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