
गत 5 वर्षों में केंद्र ने 7 शहराें व कसबों का नाम बदलने की दी अनुमति
सन्मार्ग संवाददाता
नयी दिल्ली/कोलकाता : मंगलवार को लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राई ने कहा कि पश्चिम बंगाल से राज्य का नाम सभी तीन भाषाओं बंगाली, अंग्रेजी और हिन्दी में ‘बांग्ला’ करने का प्रस्ताव मिला है। उन्हाेंने कहा कि गत 5 वर्षों में केंद्र ने 7 शहरों व कसबों का नाम बदलने की अनुमति राज्यों को दी। गत 15 दिसम्बर 2018 को यूपी में इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) दी गयी थी, वहीं 3 अगस्त 2017 काे आंध्र प्रदेश में राजामुंद्री शहर का नाम राजामाहेंद्रवरम करने के लिए भी एनओसी दी गयी थी। इसी तरह झारखण्ड में नगर उंतरी का नाम श्री वंशीधर नगर करने के लिए अगस्त 2018 में अनुमोदन दिया गया था। इसी तरह मध्य प्रदेश के 3 शहरों बिरसिंहपुर पाली, होशंगाबाद नगर और बाबाई शहर का नाम मां बिरासिनी धाम (2018), नर्मदापुरम (2021) और माखन नगर (2021) करने के लिए अनुमोदन दिये गये। गत मार्च 2022 में पंजाब के श्री हरगोविंदपुर शहर का नाम श्री हरगोविंदपुर साहब करने की अनुमति भी दी गयी थी। तृणमूल कांग्रेस सांसद साजदा अहमद ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्राप्त शहरों का नाम बदलने के संबंध में प्रस्तावों की संख्या के बारे में विस्तृत तौर पर पूछा था। इसके साथ ही पूछा था कि सरकार ने हेरिटेज स्थानों के नाम बदलने के संबंध में गाइडलाइन में कोई परिवर्तन किया है या नहीं। राई ने इस पर जवाब दिया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हेरिटेज स्थानों का नाम बदलने के संबंध में कोई गाइडलाइन जारी नहीं किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गत 25 अप्रैल से मध्य प्रदेश सरकार से गृह मंत्रालय को नसरुल्लागंज नगर का नाम बदलकर भेरुंडा करने का प्रस्ताव भी मिला है।