
काले धन से पेट्रोल पंप व जमीन खरीदने के सबूत मिले
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : एसएससी मामले में अब प्रमोटर अयन शील के बेटे और उनकी दोस्त का नाम भी जुड़ गया है। आरोप है कि एसएससी मामले से कमाये गये काले धन का उपयोग इनके नाम पर खरीदी गयी संपत्तियों में भी हुआ है। ईडी की टीम अयन के बेटे अभिषेक व उनकी दोस्त इमोन गांगुली से अब इस मामले में पूछताछ करना चाहती है। ईडी की गिरफ्त में आए प्रमोटर अयन शील के बेटे अभिषेक शील भी भर्ती भ्रष्टाचार मामले में शामिल है। करोड़ाें की संपत्ति इन काले धन से खरीदी गयी है। ईडी ने अपने हलफनामे में कहा है कि इमोन गांगुली और अभिषेक शील संयुक्त रूप से एक पेट्रोल पंप के मालिक हैं। हुगली जिले के गुड़ाप में दुर्गापुर एक्सप्रेस-वे के किनारे उस पेट्रोल पंप की खरीद के सभी दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा अयन के इन काले धन से अन्य रिश्तेदारों की संपत्ति भी खरीदी गयी थी।
50 से अधिक अकाउंट पर ईडी की है नजर
सूत्रों की माने तो लगभग 50 अकाउंट ऐसे हैं जिनमें काफी अधिक रुपयों के लेनदेन हुए हैं। इन अकाउंटों में अयन के रिश्तेदार के अकाउंट भी हैं। इधर, ईडी को पता चला है कि अभिषेक अभी दिल्ली में रह रहा है। इमोन अभिषेक की करीबी दोस्त हैं। कानून की पढ़ाई के दौरान दोनों में दोस्ती हुई थी। इमोन हुगली के उत्तरपाड़ा स्थित एक घर में रहती है। ईडी की टीम अयन के बेटे के अलावा उनके पिता सदानंद शील के अकाउंट की भी छानबीन कर रही है। वहीं ईडी की नजर में अयन की दोस्त श्वेता चक्रवर्ती के अकाउंट्स भी हैं। सूत्रों का कहना है कि इन स्कैम के जरिये अयन ने 50 करोड़ काले धन की उगाही की थी।
कोर्ट में यह हलफनामा पेश किया गया
ईडी ने कोर्ट में बताया कि पेट्रोल पंप अक्टूबर 2020 में एक करोड़ रुपये में खरीदा गया था। यह पेट्रोल पंप लगभग 3.5 बीघा जमीन पर है। अभिषेक और इमोन ने गुड़ाप में दुर्गापुर एक्सप्रेस-वे के किनारे की उक्त जमीन बिडन स्ट्रीट निवासी आशीष शुक्ला, नंदगोपाल शुक्ला, अजय शुक्ला से खरीदी थी। इस पंप को स्थानीय लोग ”शुक्ला पंप” के नाम से जानते हैं। इतना ही नहीं अभिषेक और इमोन ने मिलकर कोलकाता के बंडेल रोड पर एक फर्म खोला। उन्होंने इसका नाम ”फॉसिल्स” रखा। इमोन हुगली के उत्तरपाड़ा नगर पालिका में अमरेंद्र सरणी के एक फ्लैट में रहती है।
अयन द्वारा नियुक्त एजेंटों की तलाश जारी
ईडी सूत्रों के मुताबिक, 2016 में डायमंड हार्बर म्युनिसिपैलिटी में ग्रुप सी और ग्रुप डी में 17 लोगों की नियुक्ति हुई थी। इनमें से 5 कथित तौर पर डायमंड हार्बर के बाहर के रहने वाले हैं। अयन शील की संस्था ने नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों की भर्ती के लिए प्रश्न पत्र प्राप्त किया था। हालांकि, डायमंड हार्बर नगर पालिका की तत्कालीन अध्यक्ष मीरा हलदर ने अयन शील को नहीं जानने का दावा किया था। इस बीच, अयन शील को न केवल डायमंड हार्बर में बल्कि राज्य की कई नगरपालिकाओं में भर्ती भ्रष्टाचार में शामिल होने के लिए जाना जाता है। अयन 2012, 2014 के शुरुआती टेट फ्रॉड में भी शामिल है। ईडी अब तक अयन के 12 एजेंटों के ठिकाने का पता लगा चुकी है।