‘विन्ध्यागिरि’ का जलावतरण ‘आत्मनिर्भर भारत’ का प्रतीक है : राष्ट्रपति
पोत की पूरी विधि-विधान से हुई पूजा, राष्ट्रपति ने कुमकुम से बनाया स्वास्तिक
नारियल भी फोड़ा, माला चढ़ायी
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : नौसैन्य की ताकत और बढ़ी है और युद्धपोत ‘विन्ध्यागिरि’ लांच हो गया। यह आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक बताया जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को यहां हुगली नदी के तट पर ‘गार्डनरीच शिपबिल्डर्स इंजीनियर्स लिमिटेड’ (जीआरएसई) केंद्र में भारतीय नौसेना के ‘प्रोजेक्ट 17 अल्फा’ के तहत निर्मित छठे नौसैन्य युद्धपोत ‘विन्ध्यागिरि’ का जलावतरण किया। उन्होंने ही इसका नामकरण विन्ध्यागिरि किया। राष्ट्रपति ने इस युद्धपोत के जलावतरण को ‘आत्मनिर्भर भारत’ का एक प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि ‘मैं विन्ध्यागिरि के जलावतरण के मौके पर यहां आकर बहुत खुश हूं। यह आयोजन भारत की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ने का भी प्रतीक है।’ इस अवसर पर राज्यपाल सी.वी. आनंदा बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, जीआरएसई के सीएमडीई पी आर हरि उपस्थित रहे। परियोजना के तहत कुल सात युद्धपोत का निर्माण होना था जिसमें ‘विन्ध्यागिरि’ छठा युद्धपोत है। पहले पांच युद्धपोत का जलावतरण 2019 और 2022 के बीच हुआ था। यह तीसरा और आखिरी युद्धपोत है जिसे कोलकाता स्थित युद्धपोत निर्माता ने परियोजना के तहत नौसेना के लिए बनाया है। यह स्वदेशी तकनीक से तैयार किया गया है। युद्धपोत की लांचिंग से पहले पूरी विधि विधान से पूजा की गयी। राष्ट्रपति ने पोत में कुमकुम से स्वास्तिक बनाया। नारियल फोड़ा, माला भी चढ़ाई। इसके बाद बटन दबाकर इस युद्धपोत का जलावतरण किया। यह बेहद ही गौरव का क्षण था। वहां मौजूद नौसेना के जवान सहित उपस्थित सभी गण्यमान्य लोग इस पल को अपने कैमरे में कैद करते नजर आये।
इस कार्यक्रम से पहले राष्ट्रपति ने यहां राजभवन में ब्रह्म कुमारी द्वारा आयोजित ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के तहत ‘मेरा बंगाल, व्यसन मुक्त बंगाल’ अभियान की शुरुआत की। पिछले साल राष्ट्रपति चुने जाने के बाद मुर्मू का पश्चिम बंगाल का यह दूसरा दौरा है। इससे पहले उन्होंने मार्च में राज्य का दौरा किया था।
राष्ट्रपति ने नौसेना के युद्धपोत ‘विन्ध्यागिरि’ का किया जलावतरण
Visited 148 times, 1 visit(s) today