एसटीएफ और ट्रैफिक विभाग में भी कर चुका था ड्यूटी
मानसिक संतुलन खराब होने पर अस्पताल में कराया गया था भर्ती
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : पार्क सर्कस के लोअर रेंज में अंधाधुंध फायरिंग करने वाले पुलिस कांस्टेबल छोदुप लेप्चा के बारे में कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार छोदुप बीते कुछ महीने से मानसिक रूप से बीमार था। उसे मार्च महीने के दूसरे सप्ताह में एसएसकेएम अस्पताल के इंस्टिट्यूट ऑफ साइकेटरी में भर्ती कराया गया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार कालिम्पोंग के रहनेवाले छोदुप लेप्चा को उनकी पति की मौत के बाद कोलकाता पुलिस में नौकरी मिली थी। उसने वर्ष 2021 में नौकरी ज्वाइन किया था। ट्रेनिंग के दौरान वह अच्छा निशानेबाज था, इसलिए उसे एसटीएफ के एटीएस सेल में रखा गया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार छोदुप को एसटीएफ की ओर से पहले उत्तर पूर्व में एसाइनमेंट के लिए भेजा गया था। उक्त असाइनमेंट में असफल होने पर पुलिस कांस्टेबल को फटकार लगी थी। इसके बाद भी वहएसटीएफ में था। उसे बांग्ला समझ में नहीं आने के कारण उसे सहकर्मियों की बात समझ में नहीं आती थी।
रेड पर जाने के दौरान कार से नीचे उतर गया था लेप्चा
पुलिस सूत्रों के अनुसार गत मार्च महीने में एसटीएफ की टीम उसे लेकर नदिया में रेड पर निकली थी। रेड पर जाने के दौरान वह अचानक शोच करने के बहाने नीचे उतरा और भागने लगा। पुलिस कर्मियों ने जब उसे पकड़ने की कोशिश की तो छोदुप ने कहा कि वे लोग उसका एनकाउंटर कर देंगे, इसलिए वह नहीं जाएगा। छोदुप ने वहां पर फेसबुक लाइव भी करने लगा। इस दौरान किसी तरह एसटीएफ के पुलिस कर्मियों ने उसे पकड़ा और अपने साथ वापस लालबाजार ले गए। लालबाजार पहुंचने पर भी वह अस्वाभाविक गतिविधि करने लगे। पहले उसने दीवारमें अपनी सिर मारा और फिर पानी के बाल्टी में सिर को डुबो दिया। उसकी हालत बिगड़ते देख पुलिस कर्मी उसे एसएसकेएम अस्पताल ले जाने लगे लेकिन वह अस्पताल से भाग गया। बाद में उसे पकड़कर एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया वहां पर इलाज होने के बाद उसे एसटीएफ से ट्रैफिक विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार ट्रैफिक विभाग में काम करने के दौरान भी उसने अस्वाभाविक गतिविधि की जिसके कारण उसे ट्रैफिक विभाग से 5वीं बटालियन में भेज दिया। इस दौरान उक्त पुलिस कर्मी को छुट्टी पर भेज दिया गया। छोदुप लेप्चा ने 9 जून को छुट्टी के बाद लालबाजार में ड्यूटी ज्वाइन किया। 10 जून को उसकी पहली बार ड्यूटी लोअर रेंज रोड के पुलिस बूथ पर थी और उसने घटना को अंजाम दिया। ऐसे में सवाल उठता है कि जब विभाग के अधिकारियों को पहले पता था कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं हैं तो फिर उसे कैसे बंदूक के साथ ड्यूटी दी गयी।
मानसिक तौर पर बीमार था पुलिस कांस्टेबल छोदुप लेप्चा
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