
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : दुर्घटनाओं को कम करने के लिये वाहनों के फिटनेस पर राज्य सरकार जोर दे रही है। हालांकि देखा जा रहा है कि सड़कों पर चलने वाले लगभग 65% वाहनों का सीएफ फेल है। बसों से लेकर मालवाही वाहन, पूलकार सबकी एक ही हालत है। ऐसे में राज्य के परिवहन मंत्री स्नेहाशिष चक्रवर्ती ने निगरानी और बढ़ाने का निर्देश दिया है। टेक्निकल के साथ ही नॉन टेक्निकल मोटर ह्वीकल्स इंस्पेक्टरों को भी अब सड़कों पर उतरकर वाहनों की चेकिंग का निर्देश दिया गया है। इस काम के लिये 27 नये वाहन खरीदने की बात कही जा रही है। परिवहन विभाग के सूत्रों ने बताया कि गत वर्ष के जून महीने से 2023 साल के फरवरी तक एमवीआई द्वारा रूबी मोड़ पर अभियान चलाकर 1 हजार 28 वाहनों का चालाना इशू किया गया। इसमें पाया गया कि 660 वाहनों का फिट सर्टिफिकेट नहीं है जो प्रतिशत के हिसाब से 65% है। इसके अलावा 169 वाहनों का स्पीड लिमिटिंग यंत्र खराब पाया गया और बाकी को दूसरे दस्तावेज ठीक नहीं होने के कारण रोका गया। कुछ ऐसा ही हाल पीली टैक्सियों का भी है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पहले एमवीआई की संख्या कम होने के कारण नियमित चेकिंग नहीं हो पाती थी, लेकिन गत जून महीने से बाईपास पर लगभग रोजाना चेकिंग हो रही है। अधिकांश वाहनों का सीएफ 3 से 4 वर्ष पहले ही खत्म हो गया है।