
बगैर मास्क के हैं तो भरना होगा जुर्माना, बदले में दिया जाएगा एक मास्क
कोविड प्रोटोकॉल मनवाने के लिए सख्त हुआ प्रशासन
आउट्राम घाट पर लगातार की जा रही माइकिंग
सोनू ओझा
कोलकाता : कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच शुरू हुए गंगासागर मेले में कोविड प्रोटोकॉल सख्ती से मनवाया जाएगा, इसके लिए प्रशासन भी पीछे नहीं है। दूसरे राज्यों से श्रद्धालुओं का जत्था रोजाना यहां आ रहा है, जिनका पहला पड़ाव आउट्राम घाट है जहां से लोग गंगासागर के लिए प्रस्थान शुरू करते हैं और यहीं से शुरू हो रही है इस बार प्रशासन की अग्निपरीक्षा, जिसमें इतने बड़े हुजूम को कोविड नियमों के दायरे में समेटना इनकी प्राथमिकता है। कोरोना हवा में मिल गया है इसलिए मास्क सभी के लिए जरूरी बन चुका है। ये जानते हुए कई लोग मास्क को लेकर बेपरवाह से हैं जिसकी तस्वीर लगभग हर जगह देखने को मिल रही है जिससे आउट्राम घाट भी अछूता नहीं है।
आउट्राम में माइकिंग, मास्क नहीं तो लगेगा जुर्माना
आउट्राम घाट पर देश के दूसरे राज्यों के लोग आ रहे हैं जिनका पहला मकसद सही मायनों में गंगासागर में डुबकी लगाना है। कोरोना है मगर उससे कई लोगों को फर्क नहीं पड़ रहा, इसे देखते हुए प्रशासन की ओर से सख्ती करते हुए मास्क न लगाने वालों पर जुर्माना लगाया जा रहा है। जुर्माने की राशि 500 रुपये है जिसे भरने के बाद एक मास्क प्रशासन की ओर से मुफ्त दिया जा रहा है ताकि उन्हें अहसास रहे कि मास्क न लगाने या कहें जो मास्क उन्हें दिया गया है उसकी कीमत के तौर पर 500 रुपये वसूले गये हैं। अब लोगों पर है कि मास्क लगाकर रखें या 500 रुपया जुर्माना भरकर सरकार से एक मास्क अपने चेहरे पर लगाएं।
लगातार की जा रही माइकिंग
आउट्राम में वॉलंटियर्स की पूरी टीम लगातार लोगों के बीच जाकर उन्हें मास्क लगाने से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील कर रही है। एक टीम तो बेजोड़ पोस्टरिंग के साथ घूम रही है, साथ ही प्लास्टिक नहीं इस्तेमाल करने की बात कहते हुए सभी को नियमों का पालन करने की अपील कर रही है। जिनके चेहरे पर मास्क नहीं है उन्हें तत्काल मास्क लगाने की बात टीम के सदस्य कह रहे हैं। कुल मिलाकर इस बार गंगासागर मेले का रूप काफी अलग है। यहां पुण्य कमाने लोग आ तो रहे हैं मगर इस शंका के साथ कि लौटते वक्त उनके साथ कोरोना भी घर में न एंट्री ले ले।
लोगों ने कहा, कोशिश है नियम न टूटे
दिल्ली से करीब 50 लोगों का ग्रुप मंगलवार को आउट्राम घाट पहुंचा। उनमें ज्यादातर बुर्जुग थे। उन्होंने कहा कि हमारे शहर में भी कोरोना है, यहां भी कोरोना है क्या करें। उम्र और हालात ऐसे हैं कि इस बार डुबकी न लगा पाएं तो अगली बार की गारंटी नहीं लग रही है इसलिए आ गये। कोशिश है कि नियम न टूटे, चेहरे पर मास्क भी लगाया है, बराबर दूरी भी रखी जा रही है।