
सोनू ओझा
पहले दिन कईयों के छुटे पसीने, दूर-दराज से आने वालों की परेशानी बढ़ी
कोलकाता : कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लगे लॉकडाउन में कुछ रियायतों के साथ बुधवार से समस्त कार्यालयों को खोल दिया गया है। बुधवार को पहला दिन था जहां कई लोगों को डबल चैलेंज के साथ ऑफिस जाना पड़ा। पहली चुनौती कोरोना के संक्रमण से बचते बचाते काम पर जाना दूसरा परिवहन बंद होने के कारण कैसे दफ्तर पहुंचना है इसका हल निकालते हुए गंतव्य तक पहुंचना। सरकार की ओर से आईटी समेत बाकी निजी कार्यालयों में 25 प्रतिशत उपस्थिति के साथ काम चालू करने का निर्देश दिया गया है जो कुछ लोगों के लिए सहूलियत भी है तो कुछ के लिए वाकई परेशानी का सबब सा है।
घंटों का सफर तय कर आ रहे ऑफिस
साल्टलेक में काम करने वाली इतरा मंडल ने बताया कि वह गरिया से यहां काम करने आती है। अभी ऑफिस तो खुल गया है लेकिन यहां तक आने के साधन नहीं है। समस्त परिवहन सेवाएं बंद है। कैब हायर करके आना पड़ रहा है जिसका पहले ही दिन किराया एक तरफ से 300 रुपया देना पड़ा। अभी घर वापसी में भाई लेने आया है लेकिन रोज-रोज ऐसा करना मुमकिन नहीं है। आकाश दे ने कहा कि वह अपने ऑफिस नहीं गया क्योंकि बहन को पहले दिन समय पर उसके ऑफिस पहुंचाना था। कैब मिल नहीं रही थी तो मैं अपने साथ उसे लेकर आ गया।
कई ऑफिस में पिक-अप की व्यवस्था
आईटी दफ्तरों को भी खोल दिया गया है। हालांकि यहां कर्मचारियों के लिए ज्यादातर पिक-अप की व्यवस्था है। कुछ ऐसे लोग भी है जो काफी दूर रहते है उनके लिए वर्क फ्रॉम होम का विकल्प है। इसके अलावा रोस्टर सिस्टम से दफ्तरों में कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है। लोगों ने कहा परिवहन सेवा पर कुछ सोचे सरकार पहले ही दिन काम पर आये कई लोगों की एक ही शिकायत थी कि सरकार को कार्यालयों के साथ परिवहन सेवाएं भी खोल देनी चाहिए। खासकर बस क्योंकि कोलकाता सर्कल में लोग उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना से भी आते है जहां से आना जाना बस परिसेवा से बेहतर सहूलियत कोई नहीं दे सकता। रही बात मेट्रो और लोकल ट्रेक की तो इसका न चलना जिलों से आने वाले कर्मचारियों का कमर तोड़ने जैसा है।
कोविड नियमों का किया जा रहा पालन
लॉकडाउन के बाद पहले दिन खुले तमाम कार्यालयों में सरकार के निर्देशानुसार कोविड के नियमों का पूरा पालन किया जा रहा है। 25 फीसदी उपस्थिति तो है ही, कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने की कई कार्यालयों में व्यवस्था की गयी। बाकी जो नियम है वह भी हर जगह बराबर माने जा रहे है।