अब सरकार नहीं पीपीपी मॉडल की देखरेख में रहेंगे पथसाथी

लंबे रोड ट्रिप के लिए राज्य सरकार ने तैयार किया है ‘पथसाथी’ शेल्टर
50 किलोमीटर की दूरी पर तैयार हुए हैं 74 पथसाथी
आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए कैबिनेट में ममता सरकार ने पास किया प्रस्ताव
सोनू ओझा
कोलकाता : लंबे रोड ट्रिप में निकले और रास्ते में सफेद-नीले रंग की खूबसूरत इमारत दिख जाए तो तुरंत वहां आप रुक सकते हैं। यह कुछ और नहीं ब​ल्कि सरकारी योजना के तहत तैयार किया गया शेल्टर है जिसे पथसाथी नाम दिया गया है। सड़क पथ से लंबी दूरी की यात्रा के दौरान अक्सर कुछ देर आराम करने का मन करता है। ठहर कर खानपान से लेकर वॉशरूम तक की आवश्यकता लोगों को पड़ती है। इन तमाम पहलुओं को ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पथसाथी योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत राज्यभर में ऐसे शेल्टर तैयार किये गये हैं जहां यात्री विश्राम कर सकते हैं। अब तक इन पथसाथी के रखरखाव से लेकर मरम्मत तक की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग के जिम्मे थी जो अब पीपीपी मॉडल की देखरेख में होगी। पर्यटन विभाग के सूत्रों की माने तो इस बार के मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को पास किया गया है। जल्द इसे लेकर आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
अब तक 74 पथसाथी बनाए गये हैं
पूरे राज्य में अब तक 74 पथसाथी बनकर तैयार हैं। ये पथसाथी नेशनल हाई-वे, स्टेट हाई-वे व लंबी दूरी वाली सड़कों पर 50 किलोमीटर की दूरी पर तैयार किये गये हैं। विभागीय अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में इनकी संख्या और भी बढ़ायी जाएगी।
रेस्तरां से लेकर रूम तक की होती है व्यवस्था
पथसाथी में रेस्तरां, वेटिंग रूम, नाइट शेल्टर, सुलभ शौचालय हर व्यवस्था मिलती है। इस योजना को वैसे तो यात्रियों को ध्यान में रखकर बनाया गया था मगर महिलाओं व बच्चों को लेकर इसमें खास ध्यान दिया गया है।
पीपीपी मॉडल से और आधुनिक बनेंगे ‘पथसाथी’
अधिकारी ने बताया कि पीपीपी मॉडल के तहत जाने पर पथसाथी को और आधुनिक बनाने की चेष्टा की जाएगी। साथ ही कोशिश होगी कि आर्थिक रूप से सरकार के खाते में बचत हो सके। उल्लेखनीय है कि पथसाथी का निर्माण हाउसिंग व पीडब्लयूडी विभाग द्वारा किया गया है। 2021 तक निजी संस्था व जिलाध्यक्ष की देखरेख में पथसाथी था ​जिसे बाद में पर्यटन विभाग के अंतर्गत दे दिया गया था।

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