कंसेंट्रेटर की तुलना में 3.5 गुना होगा शुद्ध
वजन होगा लगभग 8 किलो
बैटरी बैक अप 3.5 घण्टे
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : गुरुवार को वेबेल-बीसीसीएण्डआई टेक इनक्यूबेशन सेंटर के संयुक्त पहल और बंधन कोन्नगर के सहयोग से एक प्रोडक्ट ‘ओम रेडॉक्स, योर ऑक्सीजन बॉक्स’ लांच किया गया। इस मौके पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में वेबेल के चेयरमैन समर झा, वेबेल की एमडी सुनरीता हाजरा और द बंगाल चेम्बर के उपाध्यक्ष अर्णब बसु मौजूद थे। अब लोगों को पूरी तरह शुद्ध ऑक्सीजन इलेक्ट्रिसिटी यानी बिजली से मिल सकेगी।
कंसेंट्रेटर की तुलना में होगा साढ़े तीन गुना शुद्ध
ओम रेडॉक्स, योर ऑक्सीजन बॉक्स पश्चिम बंगाल से किया गया वैज्ञानिक शोध है। इससे कंसेंट्रेटर की तुलना में 3.5 गुना शुद्ध ऑक्सीजन मिल सकेगी। इसे वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) और यूरोपियन कनफर्मिटी (सीई) की ओर से भी अनुमोदन मिला है। इसका वजन 8 किलाे होगा और एक स्विच दबाते ही ऑक्सीजन सीधे इलेक्ट्रिसिटी से मिलेगी। इसका बैटरी बैक अप 3.5 घण्टे का है। ऑक्सीजन की कमी से काेई पीड़ित ना हो, इस उद्देश्य से ही इस ऑक्सीजन को लाया जा रहा है। ये इमरजेंसी अथवा रेग्युलर बेसिस पर इलेक्ट्रोकैटेलिटिक रिएक्शन तकनीक से शुद्ध ऑक्सीजन देती है। पावर टेक्नोलॉजी से युक्त मशीन शुद्ध पानी (मिनरल/आरओ) से शुद्ध ऑक्सीजन बनाती है।
ईस्ट व नॉर्थ ईस्ट मार्केट से होगी शुरुआत
वेबेल की एमडी सुनरीता हाजरा ने कहा कि प्रोडक्ट का उत्पादन करने पर वेबेल विचार कर रहा है और ईस्ट व नॉर्थ ईस्ट इंडिया में मार्केट के साथ इसकी शुरुआत की जायेगी। द बंगाल चेम्बर के वाइस प्रेसिडेंट और प्राइस वॉटर हाउस कूपर्स लिमिटेड के एडवाइजरी लीडर व पार्टनर अर्णब बसु ने कहा, ‘स्टार्ट अप को बढ़ावा देने में बंगाल चेम्बर ईको सिस्टम की सुविधा प्रदान कर रहा है। इसका उद्देश्य राज्य में स्टार्ट अप आंदोलन की शुरुआत करना है ताकि सोलेयर जैसे अधिक से अधिक स्टार्ट अप पश्चिम बंगाल में आ सकें।’ सोलेयर का गठन वर्ष 2019 में हुआ था जिसमें विभिन्न प्रख्यात विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिक, मेडिकल एक्सपर्ट व इंजीनियर हैं। सोलेयर द्वारा ही उक्त उत्पाद बनाया गया है।
बड़ी आईटी कंपनियां कर रही हैं राज्य में निवेश
कार्यक्रम में मौजूद वेबेल के एमडी समर झा ने आईटी कंपनियों को लेकर कहा कि वर्ष 2010 में केवल 500 आईटी कंपनियां थीं जबकि अब आईटी कंपनियों की संख्या बढ़कर 4000 हो गयी है। इनफोसिस द्वारा एक बड़ा कैम्पस बनाया जा रहा है जिसमें कम से कम 5000 लोगों को रोजगार मिल सकेगा। आईटीसी ने 17 एकड़ जमीन ली है और टीसीएस भी कोलकाता में निवेश कर रहा है। वेबेल द्वारा बंगाल सिलीकॉन वैली पर भी कार्य किया जा रहा है।
अब पानी से बनेगी पूरी तरह शुद्ध ऑक्सीजन
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