
कोलकाताः शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार की सुबह राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और वर्तमान में वाणिज्य और उद्योग विभाग के मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया है। यह अंदेशा लगाया जाने लगा कि नाकतला के मकान से गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी को सॉल्टलेक के सीजीओ कॉमप्लेक्स ले जाया जायेगा। फिर खबर उड़ी कि ईडी के अधिकारी मंत्री को सीधे कमांड अस्पताल ले जायेंगे। ईडी की गाड़ी के बार-बार रास्ता बदलने की खबर आयी। पता चला की ईडी की गाड़ी बेहला की तरफ जा रही है। ईडी के अधिकारी पार्थ के दफ्तर भी नहीं गये। फिर कहां ले जाया जा रहा है पार्थ को, इस बारे में कुछ भी पता नहीं चल रहा था। आखिर में पता चला कि उन्हें जोका के ईएसआई अस्पताल ले जाया गया है। वहां से उन्हें बैंकशाल कोर्ट ले जाया गया।
ईडी की गाड़ी लगातार अपना रास्ता बदल रही थी। ना सीजीओ कॉमप्लेक्स, ना अस्पताल, ना ही ईडी की गाड़ी निजाम पैलेस गयी। शनिवार की सुबह दस बजे पार्थ को उनके नाकतला के मकान से गिरफ्तार कर गाड़ी में बिठाने के बाद ईडी के अधिकारी उन्हें लेकर तकरीबन डेढ़ घंटे तक विभिन्न रास्तों में घूमते रहे। आखिर में साढ़े ग्यारह बजे ईडी की गाड़ी जोका के ईएसआई अस्पताल के सामने जाकर रूकी। वहां राज्य के उद्योग मंत्री की सेहत की जांच की गयी। इसके बाद उन्हें बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया।
उल्लेखनीय है कि बंगाल के मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी को सरकारी स्कूलों में कथित भर्ती घोटाले के सिलसिले में करीब 26 घंटे तक पूछताछ के बाद शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। इससे पहले शुक्रवार को उनके करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से जांच एजेंसी को 20 करोड़ रुपये कैश मिले थे। शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्रियों समेत करीब एक दर्जन लोगों के घरों पर शुक्रवार को एक साथ छापेमारी की थी। ईडी को कल करीब 20 करोड़ रुपये कैश मिले थे।