
मिथुन चक्रवर्ती ने इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट का रुख किया था और आईपीसी की धारा 504, 505, 153ए, 120बी के तहत उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें जांच में वर्चुअली शामिल होने के लिए कहा था।
बता दें कि मिथुन चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव के दौरान आयोजित रैली में भड़काऊ भाषण दिया था। इसके बाद कोलकाता के मानिकतल्ला थाने में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
मिथुन चक्रवर्ती का भाषण
माणिकतला पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी में दावा किया गया है कि 7 मार्च को आयोजित रैली में मिथुन चक्रवर्ती ने ‘मारबो एकहने लाश पोरबे शोशाने (तुम्हे यहां मारूंगा तो लाश श्मशान में गिरेगी)’ और ‘एक छोबोले छोबी (सांप के एक दंश से तुम तस्वीर में कैद हो जाओगे)’ कहा था। बता दें कि ये दोनों फिल्मी डायलॉग हैं और इसकी वजह से मिथुन चक्रवर्ती मुश्किल में आ गए हैं।