ममता ने नहीं मांगा रेलमंत्री का इस्तीफा, पर कहा सच सामने आना चाहिए

‘दाल में है काला’, मौत के आंकड़ा छुपाया जा रहा है
अकेले बंगाल के ही 61 लोगों की मौत और 182 लोग हैं लापता
यह समय झगड़ा या राजनीति का नहीं
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : ओडिशा के बालासर में हुए ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना के बाद सियासी पारा तेज है। विपक्ष लगतार रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग कर रहा है। वहीं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने रेल मंत्री से इस्तीफे की मांग तो नहीं की मगर उन्होंने इस दुर्घटना को लेकर सच सामने लाने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि मृतकों के आंकड़े को छुपाया जा रहा है और कहा कि दाल में कुछ काला है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सच सामने लाया जाये और आने वाले दिनों में जिंदगियां बचायी जाए। सीएम ने कहा, मैं उनसे रिजाइन की बात नहीं कह रही हूं वो तो जनता उन्हें रिजाइन देगी, वोट के जरिए तो हम देखेंगे। उन्होंने कहा कि एक दिन में ट्रेन दुर्घटना की जांच कैसे हो गयी ? रेलवे सेफ्टी कमीशन को जांच में तीन महीने लगते हैं। सुबह, दिन में, रात में अलग अलग नबंर नहीं हो सकते। सरकार हताहतों की सही संख्या बताए, असल आंकड़े बताये। अगर एक राज्य से 182 लापता हैं और 61 (बंगाल) की मौत की पुष्टि हो गई है, तो आंकड़े कहां खड़े होंगे? रविवार को नवान्न में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूछा। सीएम ने कहा कि हमारे पास मृत्यु की लिस्ट बढ़ रही, उनके पास घट रही है।
अपनी गलती छिपाने के लिए दोष मढ़ा जा रहा है
सीएम ने कहा कि जब डिजास्टर हुआ तो मिलकर काम करना चाहिए ना कि अपनी गलती छिपाने के लिए दोष मढा जाये और पुरानी बातें निकाली जाये। हम सभी गोधरा को याद करते हैं, वहां कितने लोग मरे? क्या इन राजनेताओं ने कभी इस बारे में सोचा है, या मरने वालों की संख्या का खुलासा किया है? हमने इन मुद्दों को कभी नहीं बनाया क्योंकि हमारा मानना ​​है कि दुर्घटनाएं होती हैं और हो सकती हैं। सीएम ने कहा कि हाल के दिनों में यह सबसे बड़ी रेल दुर्घटना है, वे कम से कम माफी मांग सकते हैं, लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे। किसी के बीच कोई तालमेल नहीं था। सीएम ने यह भी सवाल उठाया कि अभी कहां गयी केंद्रीय जांच एजेंसियां।
यह झगड़ा या राजनीति करने का समय नहीं
सीएम ने कहा कि यह झगड़ा या राजनीति करने का समय नहीं है। जो डेड बॉडी पर राजनीति करते है उस पर मैं धिक्कार जनाती हूं। मैं अभी यह सब नहीं कहती मगर भा​जपा ने मुझे मजबूर किया है कहने पर। कुछ वर्गों द्वारा यह कहा जा रहा था कि मेरे और नीतीश कुमार या लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में इतने लोग मारे गए। सीएम ने कहा कि रेल मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान नई सिग्नल प्रणाली और टक्कर रोधी उपकरण पेश किए गए थे। जब मैं रेल मंत्री थी उस दौरान रेल दुर्घटनाओं में मरने के गलत आंकड़े को फैलाया जा रहा है। इसके बाद ही मैं बोलने पर मजबूर हुई हूं। उद्घाटन के दूसरे दिन पुरी-हावड़ा वंदे भारत में हुई दुर्घटना के बारे में उन्होंने कहा कि वंदे भारत नाम अच्छा है, उससे कोई आपत्ति नहीं है लेकिन आपने देखा है कि उस दिन क्या हुआ था जब एक पेड़ की शाखा उस पर गिरी थी।

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