बैरकपुर : बैरकपुर शिल्पांचल में कई पूजा कमेटियां लगभग 60 से 70 सालों से पूजा का आयोजन कर रही हैं। उन्होंने पारंपरिक पूजा को धीरे-धीरे थीम पूजा के रूप में परिवर्तित किया है। इस साल वे काफी कुछ अनोखा दर्शकों को दिखाने के लिए प्रस्तुत हैं। इनमें श्यामनगर अग्रदूत संघ की थीम पूजा उल्लेखनीय है। हिंदीभाषी बहुल इस अंचल में बिहार की मधुबनी कलाकारी को ही पूजा कमेटी ने पंडाल की थीम बनाया है। वहां की कला को पंडाल में हूबहू दिखाने के लिए मधुबनी पेंटिंग करने वाले बिहार के कलाकारों को ही यहां बुलाया गया है, जो लगभग 3 महीनों से यहीं रहकर पेंटिंग और पंडाल की साजसज्जा का काम रहे हैं। इसे देखने को अंचलवासियों में काफी उत्साह भी देखा जा रहा है। पूजा कमेटी के अध्यक्ष व पार्षद अभिमन्यु तिवारी ने बताया कि इस साल 66वीं पूजा का आयोजन हम कर रहे हैं। बिहार की इस संस्कृति और कला को हमने बंगाल में लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से ही इसे पूजा थीम बनाया। देवी-देवताओं, राजारानी की कहानियों को काफी रंगबिरंगी पेंटिंग के जरिये इस पूजा पंडाल में दर्शाया गया है। यह काफी आकर्षक है। उन्होंने बताया कि पूजा का बजट लगभग 12 लाख रुपयों का है। वहीं टीटागढ़ नवयुवक व्यायाम समिति (ओमशांति निकेतन) इस बार 73वीं पूजा का आयोजन कर रही है। केदारनाथ की थीम पर इस साल पूजा पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। इसकी खासियत यह है कि पूजा कमेटी के सदस्यों ने थीम को हूबहू बनवाने को लेकर केदारनाथ मंदिर का दर्शन किया। इसके बाद ही अंचलवासियों को पंडाल में ही इसके दर्शन करवाने के उद्देश्य से भगवान शिव के इस पुरातन मंदिर को ही उन्होंने पूजा का थीम बनाया। पूजा कमेटी के प्रमुख व पार्षद विष्णु सिंह ने बताया कि पंडाल तैयार कर रहे कई कलाकारों को भी केदारनाथ भेजा गया था। कलाकार अब यहां मंदिर के तर्ज पर पंडाल, भीतरी सज्जा और थीम अनुरूप ही लाइटिंग का भी काम कर रहे हैं। लोगों को यह पंडाल जरूर अच्छा लगेगा।
श्यामनगर के पूजा पंडाल में दिखेगी ‘मधुबनी कला’ तो टीटागढ़ में होंगे ‘केदारनाथ’ के दर्शन
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