दिल्ली-मुम्बई की तुलना में कोलकाता की फिजा रही शुद्ध

आतिशबाजी के बाव​जूद एक्यूआई का स्तर रहा सामान्य
सितरांग की वजह से जहरीली नहीं हो पायी हवा
सोनू ओझा
कोलकाता : रोशनी के महापर्व दीपावली पर पटाखों के आंशिक बैन के बावजूद दिवाली की रात लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। हालांकि इस आतिशबाजी का असर कोलकाता की हवाओं पर उतना नहीं पड़ा जितना सोचा जा रहा था। वहीं तुलना दिल्ली-मुुंबई जैसे प्रदूषित शहरों से की जाए तो इनकी तुलना में भी कोलकाता की फिजा शुद्ध रही। राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के लिए यह खबर राहत देने वाली है। 2019 की बात की जाए तो प्रदूषण का स्तर 1000 तक पहुंच गया था वहीं इस साल यह स्तर 30-60 तक पर ही सिमटा हुआ दिखा। यह सभी के लिए एक उपलब्धि की बात है, क्योंकि दिल्ली और मुंबई में प्रदूषण का जो स्तर देखा गया, वह गंभीर है। कोलकाता उससे इस बार कोसों दूर रहा, जबकि हर बार काली पूजा और दिवाली के अगले दिन कोलकाता में प्रदूषण की मात्रा खतरनाक स्तर को पार कर जाती है।
सितरांग प्रदूषण रोकने का मुख्य कारण
पीसीबी अधिकारियों की मानें तो सितरांग चक्रवात इस बार कोलकाता की हवा के लिए संजीवनी साबित हुआ। चक्रवात की वजह से हाे रही हल्की फुल्की बारिश ने प्रदूषण के कणों को मार दिया और यहां की फिजा शुद्ध रही। वहीं काली पूजा और दिवाली की रात हर साल जमकर आतिशबाजी होती है, जिसके कारण प्रदूषण बढ़ता है। इस बार न आतिशबाजी हुई, न ही फिजा में पटाखों का जहर मिला। इस रात वाहनों की आवाजाही भी कम रही, जिसके कारण पॉल्युशन थोड़ा कम दिखा।
ध्वनि प्रदूषण पर नहीं पड़ा कोई असर
मेंबर सचिव ने बताया कि इस बार पटाखों पर बैन था, इस वजह से ध्वनि प्रदूषण भी न के बराबर हुआ। कुछ गाड़ियों के आवागमन के कारण ध्वनि पर असर पड़ा जिसके कारण नॉइज पॉल्यूशन बढ़ा। हालांकि इसका स्तर सामान्य ही रहा।
एक्यूआई 400 पार यानी गंभीर बीमारी होना
प्रदूषण के स्तर को लेकर विशेषज्ञों के अनुसार इससे मुख्य रूप से सांस की बीमारी होती है। अगर हवा अशुद्ध हुई तथा एक्यूआई 401 से ऊपर जाता है तो हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्थिति में मानी जाती है। दिल्ली की हवा बात की जाए तो वहां प्रदूषण का स्तर लगभग एक समान ही रहता है। कहा जा सकता है कि वहां प्रदूषण के स्तर को रोकने के लिए जो उपाय किये जाने चाहिए उसके संसाधन भी कोलकाता की तुलना में कम हैं। यही वजह है कि कोलकाता की हवा की गुणवत्ता दिल्ली की तुलना में बेहतर ही रही है।
एक नजर में प्रदूषण का स्तर
कोलकाता : 30-60 के बीच
मुंबई : 200 के करीब
दिल्ली : 200-300 के करीब
कोलकाता में दिवाली की रात प्रदूषण का स्तर
साल : प्रदूषण स्तर (रात 11 बजे का)
2022 : 52
2021 : 198
2020 :129
2019 : 177

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