
1 वर्ष बीतने के बाद भी महानगर के बाजारों में गरियाहाट मॉडल को लागू नहीं कर सका केएमसी
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : 8 नवंबर 2022। कोलकाता नगर निगम ने महानगर के तीन प्रमुख बाजारों, गरियाहाट, हाथीबागान और न्यू मार्केट का सर्वेक्षण कार्य शुरू किया था। केएमसी, टाउन वेंडिंग कमेटी और स्थानीय थाना के अधिकारियों ने इन तीनों मार्केट इलाके का दौरा कर हॉकरों को फुटपाथ पर से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था। सर्वेक्षण के बाद टीवीसी ने तिरपाल से ढके डाला के स्थान पर टिन शेड वाला डाला लगाने का विकल्प रखा था। केएमसी द्वारा योजना को अपनाने के बाद पिछले साल के अंत में गरियाहाट बाजार में योजना को लागू भी कर दिया गया। गरियाहाट मॉडल की सफलता के बाद केएमसी ने महानगर के अन्य सभी बाजारों में टिन शेड का डाला लगाए जाने की घोषणा भी की थी, लेकिन करीब 9 महीने बीत जाने के बाद भी गरियाहाट के अलावा महानगर के अन्य सभी बाजारों की तस्वीर जस की तस बनी हुई है। फुटपाथों पर एक तिहाई हिस्से से अधिक जगहों पर डाला लगाए जा रहे हैं। इन डालों पर काले तिरपाल आज भी लगाये जा रहे हैं और ब्लैक टॉप (फुटपाथ के किनारे सड़क का हिस्सा) पर डाला लगाया जा रहा है। शहर के कुछ इलाकों में फुटपाथ अतिक्रमण की समस्या इतनी गंभीर हो चली है कि वह रास्ता अनाधिकारिक रूप से राहगीरों के लिए बंद हो गया है, तो वहीं कुछ फुटपाथ पर राहगीरों को चलने के लिए कतारबद्ध होना पड़ता है।
अवैध अतिक्रमण को रोकने के लिए कई नियम हुए पारित पर धरातल पर नहीं दिखा काम
फुटपाथ पर अवैध अतिक्रमण को रोकने के लिए केएमसी व टीवीसी ने समय- समय पर कई नियमों को लागू किया, पर धरातल पर किसी भी नियम के मुताबिक बदलाव की स्थिति देखने को नहीं मिली। केएमसी ने महानगर के सभी स्कूल और कॉलेजों के सामने 10 फीट की दूरी छोड़कर हॉकरों को डाला लगाने का निर्देश दिया था। सियालदह स्थित लॉरेटो स्कूल के मुख्य द्वार के बाहर महज 2 से 3 फुट की दूरी पर आपको आर्टिफिशियल ज्वेलरी के दर्जनों डाला मिल जाएंगे। डाला पर काले तिरपाल का इस्तेमाल पिछले साल से ही वर्जित है। सियालदह स्टेशन के बाहर और कोले मार्केट में ऐसे सैकड़ों डाला मिल जाएंगे जहां हॉकरों ने काला तिरपाल बिछा रखा है। हॉकरों द्वारा नियमों की अवहेलना का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है सियालदह फ्लाईओवर से सियालह स्टेशन की तरफ देखने पर केवल काले तिरपाल ही दिखते हैं।
बिना चहारदीवारी के होटलों में तब्दील हो चुके हैं डाला !
केएमसी नियमों के अनुसार स्ट्रीट फूड वेंडरों का डाला 3 फुट लंबा और 5 फुट चौड़ा हो सकता है, लेकिन कोलकाता के अधिकांश स्ट्रीट फूड वेंडर तय माप से अधिक स्थान पर डाला लगाते हैं। वहीं स्ट्रीट फूड वेंडर के तौर पर चल रहे कई डाले समय के साथ बिना चहारदीवारी के होटलों में तब्दील हो गए हैं। प्लास्टिक की टेबल- चेयर के साथ ही बड़े- बड़े रेफ्रिजरेटर फुटपाथ पर लगाए बैठे इन हॉकरों की वजह से लोग सड़क पर पैदल चलने को मजबूर हैं।
नए हॉकरों के डाला लगाने पर रोक लेकिन नियम के तहत राह कठिन
केएमसी ने अवैध अतिक्रमण के मुद्दे को लेकर बीते दिनों सख्त कार्रवाई करते हुए महानगर में नए हॉकरों का डाला लगाना वर्जित कर दिया है। हालांकि, स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 के तहत इस नियम को लागू करना कठिन होगा। दरअसल इस एक्ट के अनुसार शहर के वार्ड की आबादी के 2.5% के अनुरूप हॉकरों को वेंडिंग जोन में समायोजित किया जाना चाहिए। जिन वेंडिंग जोन में हॉकरों की संख्या (वार्ड स्तर पर) आबादी से अधिक है, टाउन वेंडिंग कमेटी को उस वेंडिंग जोन के लिए प्रमाण पत्र जारी कर ड्रॉ निकालना होगा और शेष हॉकरों को निकटवर्ती वेंडिंग जोन में समायोजित करना होगा। टीवीसी के एक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में वृहत्तर कोलकाता में 2.75 लाख हॉकर हैं। शहर की जनसंख्या करीब 1.4 करोड़ (वर्ष 2011) है। उन्होंने बताया कि वार्ड स्तर पर हॉकरों की संख्या जानने के लिए टीवीसी जल्द ही वार्ड स्तर पर सर्वेक्षण का कार्य शुरू करेगी। इसके साथ ही टीवीसी के अंतर्गत पंजीकृत हॉकरों को वेंडिंग सर्टिफिकेट दिए जाने का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। टीवीसी अगले एक साल में 58 हजार हॉकरों को वेंडिंग सर्टिफिकेट प्रदान करेगी।