
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : सासु मां ने हाई कोर्ट में एक रिट दायर करके आरोप लगाया था कि उनकी बहू ने उन्हें घर से बेदखल कर दिया है। मामले की सुनवायी के दौरान सासु मां ने यह मुचलका दिया कि वे अपनी बहू के साथ अच्छा संबंध बना कर रखेंगी और उसे परेशान नहीं करेंगी। जस्टिस राजाशेखर मंथा ने मामले की सुनवायी के बाद आदेश दिया कि यह मकान सासु मां के नाम पर है, इसलिए उसमें रहने का उनका बुनियादी हक बनता है।
जस्टिस मंथा ने पुरुलिया टाउन पुलिस स्टेशन के आईसी को आदेश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि पिटिशनर सासु मां, यानी वीना साव, और बहू इस मकान में आपस में बेहतर तालमेल बनाते हुए रह सके। इसके साथ ही आदेश दिया है कि सास और बहू के बीच निचली अदालत में चल रहे मुकदमों की सुनवायी कानून के मुताबिक चलती रहेगी।
सासु मां की तरफ से कोर्ट में दायर रिट में कहा गया है कि वे अपनी बहू के डर के कारण पिछले पांच साल से धनवाद में रह रही है। सुनवायी के दौरान आईसी ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट भी सौंपी। इसमें कहा गया है कि बीना साव और उनके पति के खिलाफ पुरुलिया की अदालत में आईपीसी की धारा 498ए सहित अन्य धाराओं में दो मामले चल रहा है। इनमें चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। इसके अलावा धनवाद के फेमिली कोर्ट में भी भरणपोषण और घरेलू हिंसा के मामले चल रहे हैं। जस्टिस मंथा ने अपने आदेश में कहा कि इसके बावजूद वीना साव को अपने मकान में रहने का हक है।