
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : भारत में वोट डालने का अधिकार तभी मिलता है जब आपका नाम निर्वाचन आयोग के पास दर्ज हो। अगर आपका नाम निर्वाचन आयोग की सूची में नहीं है तो आपको पहले इसमें अपना नाम दर्ज कराना होगा। हालांकि कई बार लोग अपना घर बदलने या अन्य कारणों से दो जगहों पर वोटर आईडी कार्ड बनवा लेते हैं जाे पूरी तरह गैर-कानूनी है। दो अलग इलाकों में वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराना गैरकानूनी है। चुनाव आयोग आपके नाम के साथ पिता का नाम, उम्र और चेहरे का भी मिलान करता है। किसी व्यक्ति के दो कार्ड होने की जानकारी मिलने पर आयोग जिला स्तर पर व्यक्ति का नाम सत्यापित करता है। यह साबित होने पर कि एक ही व्यक्ति के पास दो वोटर आईडी कार्ड हैं और दोनों जगह वोटर लिस्ट में उसका नाम शामिल है, उसे चुनाव आयोग की तरफ से नोटिस भेजा जाता है। नोटिस में कहा जाता है कि आप एक जगह से अपना नाम हटा दें। अगर आप तय अवधि में ऐसा नहीं करते तो आपके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाती है।
वार्ड 42 में काफी लोगों के दो वोटर कार्ड
कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है वार्ड नं. 42 से जहां काफी लोगों के दो वोटर आईडी कार्ड हैं। एक वोटर कार्ड वार्ड इलाके के पते पर है तो दूसरा उस पते पर जहां मौजूदा समय में व्यक्ति रहता है। दरअसल, वार्ड 42 व आस-पास के वार्डों में काफी लोग ऐसे हैं जो पहले इस वार्ड में रहते थे, लेकिन कुछ समय पहले साल्टलेक, हावड़ा या अन्य स्थानों पर चले गये। हालांकि इनकी दुकानें इस वार्ड में हैं। ऐसे में काफी लोगों ने वार्ड 42 में अपने पहले वाले पते का वोटर आईडी कार्ड तो रखा ही है, इसके साथ ही नया वोटर आईडी कार्ड अपने मौजूदा निवास स्थल के पते पर भी बनवा लिया है। इस तरह एक व्यक्ति दो इलाकों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करता है जो अवैध है।
की गयी जिला चुनाव कार्यालय में शिकायत
एक व्यक्ति के दो वोटर आईडी कार्ड को लेकर जिला चुनाव कार्यालय के पास सभी दस्तावेजों के साथ शिकायत की गयी है। इसके साथ ही कहा गया है कि वार्ड नं. 42 में 500 से अधिक ऐसे लोग हैं जिनके दो वोटर आईडी कार्ड हैं। इनका एक पता वार्ड 42 के ठिकाने पर तो दूसरा पता कहीं और का है। ऐसे में चुनाव आयोग को इस संबंध में कड़े कदम उठाये जाने की आवश्यकता है ताकि फॉल्स वोटिंग से बचा जा सके। उदाहरण के तौर पर भाग सिंह, अभिषेक शर्मा, आकांक्षा शर्मा, अखिलेश शर्मा, आशाराम झंवर, भूपति दास आदि के दस्तावेज जमा किये गये हैं जिनके वोटर आईडी कार्ड दो ठिकानों पर हैं।