खास बातें
पूजा कमेटी : काशी बोस लेन
थीम: मां
बजट: 50-60 लाख रु.
साजसज्जा: 4 रंगों की मिट्टी
कोलकाता: दुर्गा पूजा के दिन नजदीक आने के साथ ही पंडाल निर्माण में लगे कारीगर तेज रफ्तार के साथ पंडाल को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। इस साल काशी बोस लेन पूजा पंडाल की थीम है ‘मां’। मां के भव्य रूप को दर्शाने के लिए 300 कारीगर दिन-रात काम कर रहे हैं। आइए जानते हैं इस बार काशी बोस लेन में दुर्गोत्सव की कुछ खास बातें।
क्या कहना है महासचिव सौमेन दत्ता का: काशी बोस लेन के जनरल सेक्रेटरी सौमेन दत्ता ने कहा कि इस साल पूजा की थीम ‘मां’ है। मां दुर्गा की मूर्ति मिट्टी से ही तैयार की जाएगी। वजह यह कि मिट्टी हमें जमीन से जोड़ कर रखती है। जमीन से जुड़े रहना हम मां से ही सीखते हैं। इस साल मां दुर्गा व अन्य देवी-देवताओं के आभूषण, वस्त्र से लेकर तमाम सजावट के सामान 4 प्रकार के रंगों की मिट्टी से तैयार किये जा रहे हैं। लोगों को यहां अलग तरह की अनुभूति होगी। पूजा पंडाल में षष्ठी से लेकर अष्टमी तक भोग में 25 अलग-अलग व्यंजन पेश किये जायेंगे। वहीं नवमी को भोग में 56 व्यंजन परोसे जायेंगे।
पिछले 2 वर्षों से काशी बोस लेन पूजा पंडाल की थीम अदिति चक्रवर्ती तय कर रही हैं। रंगों के तालमेल में उन्हें अच्छा खासा अनुभव है। अदिति हमेशा पर्यावरण के अनुकूल चीजों का प्रयोग कर पंडाल की थीम का चयन करती हैं। हमेशा से अनूठी कारीगरी और कला के लिए लोगों को आकर्षित करने वाला काशी बोस लेन का पूजा पंडाल इस साल कैसा रंग बिखेरेगा यह देखने वाली बात होगी। जमीन से जुड़े रहना सिखायेगा काशी बोस लेन का पंडाल।
‘मां’ की थीम पर बन रहा है काशी बोस लेन का पूजा पंडाल
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