नई दिल्लीः नए साल के मौके पर एक जनवरी को दिल्ली के सुल्तानपुरी के कंझावला में बलेनो कार से कई किलोमीटर घसीटकर स्कूटी सवार 20 साल की लड़की की मौत के मामले में फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) ने कई अहम खुलासे किए हैं। बताया जा रहा है कि एफएसएल जांच में सामने आया है कि बलेनो कार के अंदर खून के कोई निशान नहीं मिले हैं। सिर्फ कार के नीचे, बीच के हिस्से में खून के निशान मिले हैं। गाड़ी के अंदर भी एफएसएल को कोई सुराग नहीं मिला है। मसलन, मृतका से जुड़ा कोई सबूत अब तक हाथ नहीं लगा है। मामले के पांचों आरोपी तीन दिन की पुलिस रिमांड में भेजे गए हैं।
आपको बता दें कि रविवार को घटना के सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस हरकत में आई और 24 घंटे के अंदर ही मारुति बलेनो सवार रहे पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस बीच, लड़की का निर्वस्त्र शव और उसके टूटे पैर का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट हुआ। मामले में दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने भी मामले में पुलिस को नोटिस जारी किया है। पुलिस के अनुसार कंझावला थाने (रोहिणी जिला) में तड़के तीन बजकर 24 मिनट पर सूचना मिली कि कुतुबगढ़ इलाके की ओर जा रही एक कार से एक शव बंधा हुआ है। उन्होंने कहा कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मंगोलपुरी के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल भेज दिया है। पुलिस उपायुक्त (बाहरी) हरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि पीड़िता का पैर कार के एक पहिए में फंस गया और उसे करीब चार किलोमीटर तक घसीटा गया।
एनसीडब्ल्यू ने मृतका के शव का पोस्टमार्टम कराने की मांग कीराष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने यह पता करने के लिए कंझावला में हुई घटना की पीड़िता के शव का पोस्टमार्टम कराने की सोमवार को मांग की कि कहीं उसका यौन उत्पीड़न तो नहीं किया गया था। उसने कहा कि मृतका की मां द्वारा लगाए गए आरोप अगर सही पाये जाते हैं, तो संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी भी दर्ज की जानी चाहिए।
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