
एक महत्वपूर्ण नाम का भी जिक्र है सीबीआई रिपोर्ट में
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : प्राइमरी टीचरों के 269 पदों पर अवैध नियुक्तियों के मामले में सीबीआई की तरफ से बुधवार को हाई कोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के एक सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट पर गौर करने के बाद जस्टिस गंगोपाध्याय ने टिप्पणी की कि इसमें तो चौंकाने वाले तथ्य हैं। इस पर सीबीआई की तरफ से कहा गया कि इस मामले में एक प्रमुख नाम भी उभर कर सामने आया है। पर इस नाम का खुलासा नहीं हो पाया।
रिपोर्ट पेश करते हुए सीबीआई के एडवोकेट बिल्लादल भट्टाचार्या ने कहा कि इस प्रमुख नाम के साथ ही और भी नाम उभर कर सामने आए हैं। उन्होंने जस्टिस गंगोपाध्याय से अनुरोध करते हुए कहा कि अभी जांच जारी है और इसके हित में इसका खुलासा नहीं किया जाए। इसके साथ ही कहा कि 28 सितंबर को इस बाबत एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाएगी। एडवोकेट फिरदौश शमीम ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इन 269 लोगों को एक-एक नंबर अतिरिक्त दे कर नियुक्ति दी गई थी। जस्टिस गंगोपाध्याय ने प्राइमरी स्कूल बोर्ड को इस बाबत पास किए गए प्रस्ताव की कापी देने का आदेश दिया था। इसके बाद ही सीएफएसएल को कागज की उम्र, स्याही और लिखावट की फोरेंसिक जांच करने का आदेश दिया था। इस बाबत आई फोरेंसिक रिपोर्ट में इसका खुलासा नहीं हुआ है इसलिए इसे चंडीगढ़ या हैदराबाद के फोरेंसिक लैब में भेजे जाने पर चर्चा हुई, पर कोई आदेश नहीं दिया। इस मामले में विशेषज्ञ समिति के दो सदस्यों देवज्योति सरकार और सिस्टर एमेली द्वारा दाखिल किए गए एफिडेविट में अंतर्विरोध है। एक ने कहा है कि 269 आवेदकों को ही एक नंबर अतिरिक्त देने का फैसला लिया गया था जबकि दूसरे ने कहा है कि सभी को एक नंबर अतिरिक्त देने का फैसला लिया गया था। जस्टिस गंगोपाध्याय ने आदेश दिया है कि इन 269 का मेरिट लिस्ट रैंक के साथ कोर्ट में पेश किया जाए। बोर्ड को 23 सितंबर को कोर्ट को जानकारी देनी पड़ेगी कि इसे किस मोड में दाखिल किया जाएगा।