
पार्थ के घर से चलता था नौकरी बेचने वाला ऑफिस !
अलीपुर कोर्ट में सीबीआई ने किया दावा
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : एसएससी नियुक्ति घोटाले में नए तथ्य सामने आए हैं। गुरुवार को अलीपुर की विशेष अदालत में पार्थ चटर्जी को पेश किया गया था। गुरुवार को सीबीआई ने अदालत को बताया कि पार्थ चटर्जी के घर में ही नौकरी बेचने वाला ऑफिस मौजूद था। सीबीआई ने बताया कि पार्थ के नाकतल्ला स्थित घर के ग्राउंड फ्लोर में एक ऑफिस था। उक्त ऑफिस में बिचौलियों का काफी आना-जाना था। ग्रुप सी की नियुक्ति सूची उसी ऑफिस में तैयार की जाती थी। इसके बाद उसे एसएससी के पूर्व चेयरमैन सुबीरेश भट्टाचार्य के पास भेज दिया जाता था। जो लोग रुपये देते थे उनका नाम तालिका में शामिल रहता था। उक्त ऑफिस में ही प्रदीप सिंह, प्रसन्न राय सहित अन्य रोजाना आते थे। प्रसन्न राय मूलत: फील्ड एजेंट था। सीबीआई ने दावा किया कि यह घोटाला एक परिकल्पित घोटाला है। गुरुवार को पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने फिर से कोर्ट में जमानत की अर्जी दी। उन्होंने कहा, ‘सर, मैं कुछ कहना चाहता हूं। मेरा शरीर खराब हो रहा है। यदि जेल के अंदर एक सहायक दिया जा सके, आप अगर लिखेंगे तो मुझे सहायक मिल जाएगा। मैं एक और बात कहना चाहता हूं, बाग कमेटी की रिपोर्ट को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। इस हिसाब से जांच नहीं हो रही है। मुझे उम्रजनित समस्या और बीमारी है।सीबीआई ने उनकी जमानत का विरोध किया और कहा कि नौकरी के लिए भुगतान करने वालों के नामों की एक सूची तैयार की गई थी, लेकिन आज भी पार्थ का दावा है कि नियुक्ति में शिक्षा मंत्री की कोई भूमिका नहीं है। इसलिए उनकी यहां कोई भूमिका नहीं है? इससे पहले पार्थ ने कोर्ट में दावा किया था कि उनके खिलाफ साजिश हुई है। पूर्व शिक्षा मंत्री ने यह भी दावा किया कि जांचकर्ताओं को यह भी एहसास हुआ है कि उनके कई ‘दुश्मन’ हैं।