उत्तर प्रदेश के विभाजन के साथ -साथ बंगाल विभाजन पर चर्चा तेज
जितेंद्र पाण्डेय
सन्मार्ग संवाददाता
सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल के कई जिलों व बिहार के सीमांचल के कुछ जिलों को मिला कर नया केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग तेज हो गयी है। चर्चा जोरों पर है कि नये साल के शुरुआत में ही इस पर कोई बड़ा निर्णय सामने आये। बंगाल के एक आला अधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने के शर्त पर कहा कि उत्तर बंगाल को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग तेज हो चुकी है। दिसंबर व जनवरी पर सबकी निगाहें हैं, देखना है क्या होता है। आपको बता दें कि भाजपा के अंदर बंगाल विभाजन की मांग लगातार उठने लगी है। उत्तर बंगाल व बिहार के सीमांचल में चाय पर आज -कल बंगाल विभाजन की ही चर्चा हो रही है। वहीं इस सम्बंध में अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री जॉन बारला ने कहा कि उत्तर बंगाल कब -तक केंद्र शासित प्रदेश बनेगा इस पर केंद्र सरकार से बात करेंगे। जैसे – जैसे इस साल का अंत आ रहा है, उसी तरह यह सवाल जोर पकड़ने लगा है कि क्या सचमुच उत्तर बंगाल को बंगाल से अलग करने की कोई साजिश चल रही है ?
भाजपा के शासन में बने कई छोटे राज्य
भाजपा हमेशा छोटे राज्यों के पक्ष में रही है। अटल बिहारी वाजपेयी के समय में उत्तर प्रदेश को उत्तराखंड और मध्य प्रदेश को विभाजित कर छत्तीसगढ़ का गठन किया गया था। भाजपा ने लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में गोरखालैंड मुद्दे का जिक्र किया था। तृणमूल कांग्रेस बंगाल विभाजन के विरोध में
तृणमूल कांग्रेस बंगाल विभाजन नहीं चाहती। पश्चिम बंगाल की ओर से ऐसा कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया गया। अभी तक तृणमूल के शीर्ष नेतृत्व की घोषित स्थिति पश्चिम बंगाल के विभाजन के खिलाफ है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले महीने कहा था कि उत्तर बंगाल को राज्य से अलग करने के लिए बिहार व अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार से हथियारों की तस्करी की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस उद्देश्य के लिए अति विशिष्ट व्यक्तियों (वीआईपी) के वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने इस तरह के प्रयासों को रोकने के लिए जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए थे। बनर्जी ने अधिकारियों से कड़ी निगाह रखने को भी कहा क्योंकि ‘कुछ लोगों’ की साजिश दिसंबर से राज्य में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की है। ममता के इस निर्देश के बाद से ही पुलिस महकमा सतर्क हो गया है। यह भी कयास लगाया जा रहा है कि इसी सतर्कता के तहत आनन -फानन में उत्तर बंगाल से आईजी पोस्ट हटा कर तत्काल एडीजी पोस्ट के अधिकारी अजय कुमार आईपीएस को हाल ही में उत्तर बंगाल का नया एडीजी नियुक्त किया गया है।
उत्तर बंगाल की जनता विभाजन नहीं चाहती : रवींद्र नाथ घोष
उत्तर बंगाल की जनता विभाजन नहीं चाहती है। बीजेपी बंगाल को बाटने का षड्यंत्र रच रही है, जिसे किसी भी हाल में सफल नहीं होने दिया जाएगा। उक्त बातें टीएमसी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री रवींद्र नाथ घोष ने कही। उन्होंने कहा कि विभाजन की कोई भनक लगते ही टीएमसी बंगाल में जोरदार आंदोनल करेगी। बीजेपी फूट डालो राज करो की राजनीति कर रही है, जो बंगाल में कारगर साबित नहीं होगी। बीजेपी राजवंशियों का अधिकार छीनना चाहती है। हमारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी भाजपा कमजोर करना चाहती है जो हम लोग किसी भी हाल में होने नहीं देंगे। असम में बीजेपी ने 99 लाख राजवंशियों के अधिकार छीन लिये हैं और ऐसा ही हाल उत्तर बंगाल में करने का सोच रही है। उत्तर बंगाल की जनता अब बीजेपी के झांसे में नहीं आने वाली है।