अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़, सीए सहित तीन सरगना गिरफ्तार | Sanmarg

अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़, सीए सहित तीन सरगना गिरफ्तार

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देश भर में 250 करोड़ रुपये की ठगी को दिया है अंजाम

दुबई से ऑपरेट करता था गिरोह का सरगना, 704 म्यूल अकाउंट जब्त

विधाननगर साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने मामले में 17 लोगों को पकड़ा

सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : महानगर में सक्रिय एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी करनेवाले गिरोह का वेस्ट बंगाल साइबर विंग व विधाननगर साइबर क्राइम थाने ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मामले में गिरोह के तीन सरगना सहित 17 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह के तीनों सरगना के नाम अभिषेक बंसल, मंयक चौधरी और अमित जिंदल है। इनमें से अभिषेक सिलीगुड़ी का रहनेवाला है और पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट है। मयंक चौधरी गुजरात का और अमित जिंदल हरियाणा के फरीदाबाद का निवासी है। इनके अलावा पुलिस ने नागेरबाजार स्थित एक प्राइवेट बैंक के मैनेजर को भी गिरप्तार किया है। पुलिस ने मामले में अब तक 704 म्यूल अकाउंट जब्त किये हैं। इन म्यूल अकाउंट को जालसाजों ने कसबा इलाके में एक ऑफिस खोलकर बनाया था।

29 राज्यों के 430 जिले के 894 पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में की है ठगी

पुलिस के अनुसार विधाननगर साइबर क्राइम थाने में 24 जून 2024 को एक व्यक्ति ने 1.13 करोड़ रुपये की साइबर ठगी की शिकायत दर्ज करायी थी। पीड़ित व्यक्ति को स्टॉक में निवेश करने पर ज्यादा मुनाफा का लालच देकर ठगी का सिकर बनाया गया। जालसाजों ने उनसे एक नामी कंपनी की वेबसाइट बनाकर ऐप डाउनलोड कराकर ठगी को अंजाम दिया। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने कसबा इलाके के ऑफिस में छापामारी कर वहां से 7 लोगों को गिरप्तार किया। इसके बाद पुलिस को गिरोह के तीन सरगना के बारे में पता चला। पुलिस ने बिहार के मुजफ्फरपुर से मयंक चौधरी को पकड़ा। उससे पूछताछ के बाद अ‌भिषेक बंसल और अमित जिंदल को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तों के ऑफिस से 704 बैंक अकाउंट के दस्तावेज बरामद किये गये। उन बैंक अकाउंट को खंगालने पर पता चला कि उन अकाउंट में देशभर के 1594 लोगों से की गयी ठगी की रकम जमा की गयी। इस ठगी की रकम 245 करोड़ रुपये है। यही नहीं अभियुक्तों ने देश के 29 राज्यों के 430 जिलों के 894 पुलिस स्टेशन क्षेत्र में रहनेवाले वालों को ठगी का शिकार बनाया है।

नेपाल के कैसीनो में मुलाकात के बाद साइबर ठगों ने बनाया अंतरराष्ट्रीय गिरोह

पुलिस सूत्रों के अनुसार इस अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह की नींव नेपाल के एक कैसीनो में रखी गयी। कुछ साल पहले मयंक चौधरी और अमित जिंदल की मुलाकात नेपाल के कैसीनो में हुई थी। वहां मुलाकात के दौरान दोनों ने साइबर ठगी करने वाला गिरोह बनाने का निर्णय लिया। इसके बाद दोनों दुबई गये। वहां पर उन्होंने अपने साथ गिरोह के सरगना अभिषेक बंसल को जोड़ लिया। इसके बाद उन्होंने कोलकाता में एक ऑफिस खोला। कोलकाता के ऑफिस में काम करने वाले एजेंट विभिन्न गरीब लोगों को ग्रामीण इलाकों से लाकर फ्लैट में रखते थे। उनके नाम पर आधार व पैन कार्ड बनाकर फर्जी कंपनी बनाते थे। उक्त कंपनी के नामपर करेंट बैंक अकाउंट खोला जाता था। इसके बाद प्रीएक्ट‌िवेटेड सिम कार्ड खरीदकर उसमें इटरनेशनल रोमिंग ऑन करके दुबई भेज दिया जाता था। दुबई में बैठा अभिषेक वहां पर ईमेल आईडी बनाने के साथ ऑनलाइन बैकिंग के जरिए बैंक अकाउंट में जमा होने वाले रुपये को दूसरे अकाउंट में भेजता था।

ठगी की रकम को करते थे श्रीलंका व कैरीबियन द्वीप के कैसीनो में निवेश

पुलिस सूत्रों के अनुसार जांच में पता चला है कि जालसाजों ने देश भर में 2500 से अधिक म्यूल अकाउंट तैयार किये थे। ये लोग ठगी की रकम को श्रीलंका और कैरीबियन आईलैंड के कारासाव द्वीप पर मौजूद कैसीनो में निवेश करते थे। आरोप है कि ठगी की रकम को निवेश करने के बाद वे लोग उक्त रुपये को दोबारा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से भारत में लाते थे और अपने एजेंट को रुपये मुहैया कराते थे।

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