इधर बाबूघाट बस स्टैण्ड हटाने का निर्देश, उधर घर उजड़ने की चिंता

बाबूघाट में बस मालिक व कर्मी संशय में
सांतरागाछी जाने के पक्ष में नहीं हैं लोग
कोलकाताः यहां बसा हुआ घर है। लम्बे समय से घर को रहने लायक बनाया है। अब नये घर में जाकर सब कुछ बसाना काफी परेशानी वाला मामला होगा। यही डर सता रहा है बाबूघाट स्थित बस स्टैण्ड के मालिक व कर्मियों को। बाबूघाट बस स्टैण्ड पर लंबे समय से बस परिचालन के काम से जुड़े तपन मंडल ने कहा कि हमने भी खबरों के माध्यम से सुना है कि बाबूघाट बस स्टैण्ड को हटाने की बात चल रही है। हालां‌कि किसी प्रकार की कोई नो‌टिस नहीं मिली है। इसे लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं है। दूसरी बात है कि अधिसूचना में केवल बस व मिनी बस स्टैण्ड का उल्लेख है, ऐसे में लंबी दूरी की बसों को लेकर फिलहाल कोई स्थिति साफ नहीं है।
इस बारे में ऑल बंगाल बस मिनी बस समन्वय समिति के महासचिव राहुल चटर्जी ने कहा कि आरटीए कोलकाता ने नोटिस जारी की है। ऐसे में निश्चित ही यह सिटी बसों को लेकर निर्देश है। हमारा कहना है कि यदि अचानक बस स्टैण्ड को और लंबी दूरी से चलाने को कहा जाएगा, तो भला रूट कितना सही होगा, इस पर भी विचार करना होगा। वैकल्पिक रूट की भी व्यवस्था करनी होगी। जरूरी नहीं है कि सभी रूटों के बस मालिक वहां जाने को तैयार हों, इसकी वजह है कि आर्थिक रूप से ऐसी शिफ्टिंग सही नहीं है।
दरअसल परिवहन विभाग की ओर से एक नोटिस जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि 14 दिनों में बाबूघाट बस स्टैण्ड को हटाकर सांतरागाछी में शिफ्ट करना होगा। इसके बाद से ही यहां के लोगों की चिंता बढ़ गई है। साथ ही लोगों में काफी नाराजगी है। बाबूघाट स्टैण्ड पर ही काम करने वाले राजीव कुण्डू ने कहा कि काफी लोग यहां कारोबार से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा यात्रियों के लिए बाबूघाट आना काफी सहूलियत वाला रास्ता है। आसानी से लोग गंगा नदी पार करके ही यहां आ जाते हैं। यद‌ि बाबूघाट से सांतरागाछी बस स्टैण्ड शिफ्ट होता है तो इससे लोगों को काफी परेशानी होगी, साथ ही लोगों की आमदनी पर भी आफत आएगी। इस बारे में भी सरकार को सोचने की आवश्यकता है।
इस पर नजर
इन राज्यों के लिए बाबूघाट से बसें-बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश
लंबी दूरी के यात्री- रोजाना 8 से 10 हजार
सिटी बसें-150-200

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