एडिनोवायरस के साथ बढ़ा निमोनिया का खतरा

बीसी रॉय शिशु अस्पताल में नहीं है जगह, परिजन परेशान
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : राज्य में एडिनोवायरस लगातार कहर बरपा रहा है। एडिनोवायरस के साथ ही अब निमोनिया का खतरा भी काफी बढ़ गया है और काफी बच्चे इससे संक्रमित हो रहे हैं। पिछले 24 घंटे में सांस सम्बंधी तकलीफ से 5 बच्चों की मौत हो गयी। हालांकि उनमें एडिनोवायरस संक्रमण था या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं की जा सकी है। 2 बच्चों का इलाज कोलकाता मेडिकल कॉलेज में और बाकी 3 बच्चों का इलाज बीसी रॉय शिशु अस्पताल में चल रहा था। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के अनुसार, “सभी 5 बच्चों की मौत निमोनिया से हुई है। 9 महीने की बच्ची के रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है जिसमें यह पुष्टि हो सकेगी कि उसे एडिनोवायरस था या नहीं।” हुगली की उक्त बच्ची की मौत कोलकाता मेडिकल कॉलेज में हो गयी थी जबकि और 3 बच्चों की मौत बीसी रॉय शिशु अस्पताल में हो गयी। मेडिकल कॉलेज सूत्रों के अनुसार, इनमें एक बच्चा एडिनोवायरस से संक्रमित था। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, बच्चे का हृदय रोग का इलाज चल रहा था। उसके गम्भीर रूप से बीमार पड़ने के बाद इलाज के लिए हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) में रखा गया था। मंगलवार की सुबह हृदय थमने व शरीर के दूसरे अंगों के काम करना बंद कर देने से बच्चे की मौत हो गयी। गत शनिवार की रात से मंगलवार की सुबह तक शहर के अस्पतालों में 5 बच्चों की मौत एडिनोवायरस से हो गयी। पिछले 3 दिनों में जिन 5 बच्चों की मौत हुई, उन सबकी उम्र 2 वर्ष से नीचे है।मंगलवार की सुबह मेडिकल कॉलेज में जिस बच्चे की मौत हुई, उसकी उम्र 6 महीना थी। उसका नाम आदित्य दास था। गत 5 फ़रवरी से वह अस्पताल में भर्ती था। गत 23 फ़रवरी को उसे मेडिकल कॉलेज में लाया गया जहां उसके एडिनोवायरस संक्रमण का पता चला। गत सोमवार की रात भी मेडिकल कॉलेज में एक बच्चे की मौत हो गयी। हालांकि डाक्टरों ने कहा कि बच्चे के शरीर में एडिनोवायरस संक्रमण नहीं मिला है। हालांकि उसे सर्दी, खांसी, बुख़ार और ठंड लगने की शिकायत थी। इधर, राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सभी बच्चों की मौत एडिनोवायरस से नहीं हो रही जबकि काफ़ी बच्चे निमोनिया से भी संक्रमित हो रहे हैं।
इधर, बीसी रॉय शिशु अस्पताल में पीडीऐट्रिक बेड की संख्या बढ़ाने की बात कही गयी है। फ़िलहाल अस्पताल के सामने बच्चों के साथ आये परिजनों की क़तार लग रही है। बच्चों के भर्ती करने के लिए बेड की संख्या कम पड़ जाने से अभिभावक काफ़ी चिंतित हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में इस तरह की बीमारी होती है, लेकिन कोविड काल के बाद इस बार इसमें कुछ इजाफ़ा हुआ है। इसके अलावा बच्चों को सोशल डिसटेंसिंग समेत अन्य कोविड नियम मानने की सलाह विशेषज्ञ दे रहे हैं।
क्या कहना है स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉक्टर सिद्धार्थ नियोगी का
स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉक्टर सिद्धार्थ नियोगी ने कहा, “फ़िलहाल बच्चों के लिए एडवाईजरी जारी की गयी है, लेकिन जल्द ही आम लोगों के लिए भी निर्देशिका जारी की जाएगी। बच्चों में सर्दी, खांसी या बुख़ार जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डाॅक्टर के पास जायें। बच्चों को बाहर ले जाने पर मास्क पहनाकर रखें। इस मौसम में इस तरह की बीमारी फैलती है, लेकिन सतर्क होने की विशेष आवश्यकता है।”

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