सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : कोविड की ऐसी परिस्थिति से शायद पश्चिम बंगाल अभी तक नहीं गुजरा था। विशेषकर कोलकाता में इस बार कोविड का प्रकोप सबसे अधिक है। आधे से अधिक मामले केवल कोलकाता से दर्ज किये जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद ऐसा लगता है कि लोगों को कोरोना से कोई डर नहीं है। हालात अगर ऐसे ही रहे तो फिर कोरोना की तीसरी लहर से बचना तो मुश्किल है ही, इसके साथ ही कोरोना की ये लहर तूफान में बदल जाएगी। बुधवार की शाम कोलकाता के शॉपिंग हब न्यू मार्केट की तस्वीर कुछ ऐसी ही नजर आयी। भारी भीड़ में लोग शॉपिंग करते नजर आये और काफी लोगों ने मास्क तक पहनना जरूरी नहीं समझा।
भारी भीड़ में बच्चों को लेकर उमड़े लोग
ना शादी का सीजन है, ना दुर्गा पूजा ना कोई दूसरा त्योहार। है तो केवल कोविड। इसके बावजूद लोग इस कदर भीड़ जुटा रहे हैं जैसे अगर अभी शॉपिंग नहीं होगी तो कभी नहीं होगी। कोविड से ना जाने कितनों के परिवार उजड़ गये, कितनों का कारोबार चौपट हाे गया, लेकिन काफी लोग ऐसे हैं जिन्हें इन सबसे कोई मतलब नहीं है। खूब शॉपिंग की जा रही है और वह भी बच्चाें के साथ। न्यू मार्केट में काफी लोग बच्चों को लेकर आये थे जो शायद इतना भी नहीं सोच रहे हैं कि कोविड से इस कदर हम भला कैसे लड़ेंगे।
अर्थव्यवस्था जरूरी मगर लोग नहीं हैं सचेत
कोविड की स्थिति को देखते हुए कई राज्य कड़े कदम उठा रहे हैं। दिल्ली में तो वीकेंड कर्फ्यू भी जारी कर दिया गया है मगर कोलकाता के शॉपिंग स्थलों को देखकर ऐसा लगता है कि लोग अब तक सतर्क नहीं हुए हैं। सामाजिक दूरी से ताे कोई मतलब है ही नहीं, मास्क भी पहनना काफी लोगों को जरूरी नहीं लगता। पश्चिम बंगाल में सभी पर्यटन स्थल बंद कर दिये गये हैं, लेकिन अर्थव्यवस्था को चालू रखने के लिए शॉपिंग मार्केट खुले हैं, लेकिन लोगों में जागरूकता की कमी स्पष्ट दिख रही है।
हालात ऐसे रहे तो कोरोना की तीसरी लहर से बचना मुश्किल
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