‘8 महीने से गुफा में हूं, जीवनकाल में शायद ही फैसला देख पाऊं’

अदालत में पार्थ ने कहा
नियुक्त‌ि घोटाले के एक मामले में सभी अभियुक्तों को 30 मार्च तक जेल हिरासत
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : गुरुवार को अलीपुर कोर्ट स्थित विशेष सीबीआई अदालत में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने अपना पक्ष रखा। न्यायाधीश ने पार्थ को पक्ष रखने के लिए 5 मिनट का समय दिया था। न्यायाधीश से उन्होंने कहा कि मैं 8 महीने से एक गुफा में हूं। मैं खुद हैरान हूं। पहले जब मैं घर से निकलता था तो बाहर जाने से पहले अपने इष्ट देव के सामने सिर झुका कर जाता था। मैं कहता हूं, चाहे कुछ भी हो जाए, मेरे साथ कुछ भी हो, सच एक दिन सामने आएगा। दरअसल मेरा मंत्री होना गुनाह है! मैं अच्छा विद्यार्थी था। मैंने रामकृष्ण मिशन से पढ़ाई की। ब्रिटिश काउंसिल से पास आउट होने के बाद मैंने एक केंद्रीय संस्था में काम किया। साहब, कौन सा गुनाह? क्या मेरा मंत्री होना गुनाह है? मेरी उम्र 70 वर्ष से अधिक है। थाने में कोई शिकायत नहीं है। मैं विपक्षी दल का नेता था। मुझे कभी किसी ने ‘बेईमान’ नहीं कहा, लेकिन अब इसे सुनना होगा। कानून का छात्र होने के नाते बोल रहा हूं क्या आठ महीने के लिए कोई ‘प्राइमा फेसी’ होता है? ‘प्राइमा फेसी’ का क्या अर्थ है? जांच में 5 महीने बाद मेरा नाम ‘प्राइमा फेसी’ में कैसे आया? एक कानून के छात्र के रूप में पूछ रहा हूँ। मुझे नहीं पता कि मैं अपने जीवनकाल में इस मामले के फैसले को देख पाऊंगा या नहीं। मैं यहीं पला-बढ़ा हूं। एक वंशावली है। मैं कहाँ भागूँगा? मेरे चाचा एक लेखक हैं। यहां उल्लेखनीय है कि गुरुवार को अलीपुर स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में पार्थ मामले की सुनवाई थी। अदालत में पार्थ की जमानत के लिए उनके वकील ने याचिका दायर की। नियुक्त‌ि घोटाले में पार्थ का नाम क्यों नहीं होना चाहिए, इसे लेकर वकील ने अपना पक्ष रखा। इसके अलावा पार्थ चटर्जी ने भी न्यायाधीश के समक्ष अपना पक्ष रखा।
कुंतल, शांति प्रसाद और तापस सहित अन्य के वकीलों ने रखा पक्ष
गुरुवार को पार्थ के अलावा कुंतल, शांति प्रसाद, नीलाद्रि, तापस मंडल, अशोक साहा, कल्याणमय सहित अन्य अभियुक्तों को पेश किया गया। तापस मंडल के वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल का नाम प्राथमिकी में नहीं था। सीबीआई ने पेशी के दौरान उसे गिरफ्तार किया। मेरे मुवक्किल पर लगाए गए आरोप पूरी तरह झूठे हैं। एमसीक्यू सेट कौन कर सकता है? किसी भी शर्त पर जमानत दी जाए। कुंतल घोष के वकील मेहदी नवाज ने अदालत से कहा कि अयोग्य उम्मीदवारों को सामने लाया जाना चाहिए। सिर्फ प्रभावशाली व्यक्तियों की बात की जा रही है। अगर वे सारे दस्तावेज हटा सकते हैं तो यही कहना होगा कि सीबीआई अधिकारियों को खुद पर भरोसा नहीं है। अब तो इंटरपोल को बुलाना चाहिए। किसी भी शर्त पर जमानत दी जाए। इस पर सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि अभी सबकी भूमिका की जांच की जा रही है। मिडिल मैन रुपये कहां से लेकर आए थे और कहां ले गए थे इसका पता लगाने की जरूरत है। हमने पिछले दिन कुछ जानकारी जमा की थी और आज कुछ प्रगति हुई है और हमने इसे जमा किया है। अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद नियुक्त‌ि घोटाले के एक मामले में पार्थ सहित सभी अभियुक्तों को 30 मार्च तक जेल हिरासत में भेज दिया। अदालत ने नियुक्त‌ि घोटाले के दूसरे मामले में कुंतल घोष, तापस मंडल औ‌र नीलाद्रि घोष को 6 अप्रैल तक जेल हिरासत में भेजा। इसेक अलावा नियुक्त‌ि घोटाले के एक अन्य मामले में अदालत ने शांत‌िप्रसाद सिन्हा को 27 मार्च तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया।

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