
एनजीटी ने दिया आदेश, सौंपी सीपी को जिम्मेदारी
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) के न्यायिक सदस्य जस्टिस बी अमित स्थलेकर और विशेषज्ञ सदस्य सैबाल दासगुप्ता ने हावड़ा के ड्यूक रोड को नो पार्किंग जोन बनाये जाने का आदेश दिया है। बेंच ने हावड़ा के पुलिस कमिश्नर को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें चार सप्ताह के अंदर कार्रवाई रिपोर्ट फोटोग्राफ सहित पेश करने का आदेश दिया है।
एडवोकेट अंकुर शर्मा ने एनजीटी में यह रिट दायर की है। उन्होंने बताया कि लोगों को शालीमार स्टेशन जाने के लिए हावड़ा के ड्यूक रोड से हो कर गुजरना पड़ता है। वहां ट्रकों की अवैध पार्किंग के कारण लोगों को काफी दिक्कत आती है। इस वजह से प्रदूषण भी होता है। एडवोकेट शर्मा ने इसी का हवाला देते हुए यह रिट दायर की है। हावड़ा नगर निगम की एडवोकेट अमृता पांडे ने बेंच को एफिडेविट दाखिल करके बताया है कि इस बाबत पुलिस से बात हुई है ताकि ड्यूक रोड को पूरी तरह नो पार्किंग जोन बना दिया जाए। ताकि इस रोड की सफाई होती रहे और सड़क पर पानी छिड़काव का कार्य बदस्तूर जारी रहे। इसके अलावा बेंच को यह भी बताया गया है कि ड्यूक रोड के पश्चिमी सिरे पर एक वाटर बॉडी है जो ड्यूक लेक के नाम से जानी जाती है। इस पर दक्षिण पूर्व रेलवे और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट ट्रस्ट दोनों का ही अधिकार है। यहीं पर राज्य सरकार का एक बस टर्मिनस भी है। राज्य परिवहन निगम यहीं पर कचरा फेंकता है और यहां की सफाई की जिम्मेदारी हावड़ा नगरनिगम की है। बेंच ने राज्य परिवहन निगम को इस मामले में पार्टी बनाये जाने का आदेश दिया है। दक्षिण पूर्व रेलवे की तरफ से एडवोकेट ब्रजेश झा ने एफिडेविट दाखिल कर के बताया है कि पांच खटालें को यहां से हटा दी है। बेंच ने कहा है कि इस एफिडेविट में यह नहीं बताया गया है कि वहां मौजूद खटालों की संंख्या कितनी है या कितनी थी। बेंच ने रेलवे को नये सिरे से एफिडेविट दाखिल करने का आदेश दिया है।