कोलकाता : पैरासिटामोल, दर्द निवारक (एनालजेसिक) और बुखार कम करने वाला (एंटीपायरेटिक) ड्रग है, जिसका उपयोग डॉक्टर की सलाह पर मसल्स दर्द, सिर दर्द, दांत दर्द, मोच, बुखार आदि को कम करने में किया जाता है। कोरोना काल में वैक्सीनेशन के बाद जिन लोगों को बुखार आया था, उन्हें एक्सपर्ट द्वारा पैरासिटामोल लेने की सलाह दी गई थी। मार्केट में यह पैरासिटामोल नाम से आती है या फिर कुछ अन्य दवाइयों में यह एक्टिव इंग्रेडिएंट्स के रूप में मौजूद होती है। इसका उपयोग आमतौर पर लोग बिना पूछे भी बुखार या दर्द होने पर कर लेते हैं। लेकिन हाल ही में हुई रिसर्च से चौंकाने वाली बात सामने आई है कि पैरासिटामोल के रोजाना उपयोग से कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। रिसर्चर्स ने डॉक्टरों को भी दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम वाले मरीजों को पैरासिटामोल देने से पहले सावधान रहने के लिए कहा है।
110 मरीजों पर हुई रिसर्च
ह रिसर्च एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट द्वारा की गई है। इस स्टडी में जिन ऐसे 110 लोगों को शामिल किया गया था, जिन्हें पहले हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत थी। इन लोगों को दिन में 4 बार 1 ग्राम पैरासिटामोल दिया गया। रिसर्च में पाया गया कि 4 दिन बाद उन लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ गया था और दिल का दौरा या स्ट्रोक आने की संभावना 20 प्रतिशत बढ़ गई थी।
इन लोगों को नहीं है खतरा
प्रोफेसर जेम्स डियर ने कहा, पैरासिटामोल लेने के 2 हफ्ते के अंदर ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है और हाई ब्लड प्रेशर दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसे जोखिम का कारण बन सकता है। उन्होंने आगे कहा कि हाई ब्लड प्रेशर आज के समय में काफी आम समस्या हो गई है और हर 3 में से 1 व्यक्ति को इसकी शिकायत है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे इसका जोखिम भी बढ़ता जाता है। बहुत सारे लोग जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, वे भी पैरासिटामोल ले रहे हैं, लेकिन हमें लगता है कि पैरासिटामोल जनसंख्या के बड़े हिस्से को प्रभावित कर सकती है।
कितना खतरनाक हो सकता है आपके लिए पैरासिटामोल
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