आज से गंगासागर में पुण्य स्नान

गंगासागर मेला को राष्ट्रीय मेला घोषित करे केंद्र : महंत संजय दास
गंगासागर : मकर संक्रांति के अवसर पर पुण्य स्नान का समय आज 14 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा जो अगले दिन यानी 15 जनवरी 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस समय के दौरान तीर्थयात्री पूजा अर्चना और पुण्य दान कर सकते हैं। इसकी जानकारी कपिन मुनी आश्रम के महंत ज्ञानदास ने दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सुंदर व्यवस्था के कारण गंगासागर मेला 2022 का सुंदर तरीके से आयोजन किया गया है। कुंभ मेला के बाद गंगासागर मेला सबसे ऐतिहासिक है। इसलिए गंगासागर मेला को लेकर केंद्र सरकार को कुछ सोचना चाहिए । केंद्र सरकार का सहयोग नहीं मिलने के कारण गंगासागर का विकास ज्यादा नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कोरोना वायरस को लेकर लोगों को मास्क पहनने और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने तीर्थ यात्रियों को सतर्कता के साथ पूजा – अर्चना करने की अपील की। कपिल मुनि मंदिर परिसर में लगातार माइकिंग कर तीर्थयात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने की अपील की जा रही है।
कई मेडिकल अधिकारी कोरोना संक्रमित
गंगासागर मेले में कोविड के मद्देनजर राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने 12 मेडिकल अधिकारियों को नियुक्त करने का निर्णय लिया था, लेकिन सूचीबद्ध 12 अधिकारियों में से 5 पहले से ही कोरोना से पीड़ित हैं। हाल के 3 दिनों में 5 और मेडिकल अधिकारी कोरोना से संक्रमित हुए हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को कोरोना से प्रभावित चिकित्सा अधिकारियों की जगह मेले के लिए वैकल्पिक डॉक्टरों को तलाशने में मशक्कत करनी पड़ रही है। इस बीच, सर्विस डॉक्टर्स फोरम के कोषाध्यक्ष डॉ. स्वपन विश्वास ने कोरोना प्रभावित चिकित्सकों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों की आइसोलेशन अवधि निर्धारित करने तथा उन्हें पूर्ण रूप से स्वस्थ होने से पहले ज्वाइंन करने के लिए बाध्य करने को पूरी तरह से अवैज्ञानिक करार दिया है और इसका विरोध किया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कुछ दिन पहले जारी गाइडलाइन में कहा गया था कि 12 डॉक्टरों की टीम को गंगासागर में नियुक्त की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने अभी से ही किसी ऐसे चिकित्सा अधिकारी की तलाश शुरू कर दी है जो स्वस्थ हो और उसे गंगासागर मेले में भेजा जा सके, लेकिन इस समय राज्य के स्वास्थ्य ढांचे में सबसे बड़ी समस्या यह है कि बंगाल में कई डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। ऐसे में वैकल्पिक सूची को बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग का काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।

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