
चांपदानी की तमा घर का खर्चा उठाने के लिए बन गयी टोटो ड्राइवर
सोनू ओझा
श्रीरामपुर : एक बेहतर भविष्य की चाह में पढ़ाई शुरू की थी लेकिन घर की जिम्मेदारियों ने समय से पहले ही उसे घेर लिया। परेशानियां आयीं, चिंताएं आयीं मगर तमा ने हार न मानी। बुलंद हौंसले के साथ तमा ने पढ़ाई भी चालू रखी और घर की जिम्मेदारियां भी उठाने लगी। चांपदानी में रहने वाली तमा दत्त श्रीरामपुर कॉलेज में बांग्ला ऑनर्स की तृतीय वर्ष की छात्रा है। यह वक्त तमा के लिए घर और पढ़ाई दोनों ही लिहाज से महत्वपूर्ण है। तमा को इसका अहसास है कि घर और शिक्षा दोनों में से किसी को भी वह छोड़ नहीं सकती इसलिए उसने हिम्मत रखी और बन गयी टोटो ड्राइवर। चांपदानी इलाके में तमा दत्त आपको टोटो चलाती दिख ही जाएगी जिसमें न तो उसे शर्म है न ही किसी तरह का अफसोस बल्कि वह गर्व से इसे अपना पेशा मानकर आगे बढ़ रही है।
पिता बीमार हैं, इसलिए उठायी जिम्मेदारी
तमा चांपदानी के वार्ड नंबर 22 में रहती है। घर किराये पर है, पिता की तबीयत ठीक नहीं है। मां, भाई-बहन सब मिलाकर 5 लोगों की जिम्मेदारी तमा के कंधों पर है। स्थितियों को देखते हुए तमा ने टोटो चलाने का निर्णय लिया जो आज की तारीख में उसके पूरे परिवार के भरण-पोषण का जरिया है।
सुबह-शाम टोटो चलाती है, दिन में कॉलेज
तमा सुबह-शाम टोटो चलाती है, दिन में कॉलेज में पढ़ाई करती है। तमा का कहना है कि पढ़ाई के साथ परिवार भी जरूरी है। बाबा अब काम नहीं कर रहे हैं लेकिन आय का जरिया जरूर है इसलिए मैंने टोटो चलाने का निर्णय लिया। बाबा ने सब्जी बेचने के लिए टोटो खरीदा था उसी को मैंने चलाना सीखा और आज वह मेरा आय का जरिया बन गया।