स्मार्ट सिटी में रहकर भी पंचायत इलाके में वोट को लेकर रोष

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : कहने को हाईटेक ग्रीन सिटी, लेकिन ऐसे शहर में रहकर भी अगर ग्राम पंचायत का वोटर होना पड़े तो गुस्सा तो आयेगा ही। इस कारण न्यूटाउन के वोटरों में रोष की स्थिति देखी जा रही है क्योंकि हाईटेक सिटी में रहकर भी उन्हें ग्राम पंचायत का वोटर होना पड़ रहा है। दरअसल उन निवासियों का कहना है कि वे न्यूटाउन में रहते हैं, लेकिन उनके इलाकों को बगैर चर्चा के ही ग्राम पंचायत के इलाकों में घुसा दिया गया है। लोगों का कहना है कि इस बारे में प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की जानकारी उन्हें नहीं दी गयी है। यहां उल्लेखनीय है कि हाल ही में मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने का काम चालू हुआ है। इसी के तहत उक्त बातें सामने आयीं जिस कारण न्यूटाउन में रहने वाले एक वर्ग में रोष देखा जा रहा है। वहीं स्थानीय प्रशासन की ओर से कहा गया है कि इस बारे में विज्ञप्ति जारी कर बता दिया गया है। हालांकि इससे लोगों का रोष थमने का नाम नहीं ले रहा है बल्कि इसे वापस नहीं लिये जाने पर अदालत तक जाने की चेतावनी लोगों ने दी है। इसके अलावा पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी भी उनके द्वारा दी गयी है।
क्या है मामला
दरअसल, रा​जारहाट न्यूटाउन के एक्शन एरिया 1सी, 1डी, 1ए (उत्तरी भाग), 2बी, 2ई, 1बी, 2 इलाकों को जैंगरा हातियाड़ा-2 ग्राम पंचायत के इलाके में लाया गया है। ऐसे में गुस्साये यहां के लोगों का आरोप है कि उन लोगों ने जब यहां मकान अथवा फ्लैट खरीदा था, उस समय से ही यह इलाका न्यूटाउन कोलकाता डेवलपमेंट अथॉरिटी (एनकेडीए) के तहत आता है और एनकेडीए द्वारा ही सभी नागरिक परिसेवाएं यहां मुहैया करायी जाती हैं। यहां रहने वाले अंकुर राय चौधरी ने कहा कि यहां के लोग सभी तरह के टैक्स की भरपाई भी करते हैं। हालांकि अब उन्हें पूरी तरह अंधेरे में रखते हुए इलाके के लोगों कोे ग्राम पंचायत में घुसाया जा रहा है। न्यूटाउन के एक्शन एरिया को 7 इलाकों के ग्राम पंचायतों की पृथक 8 सीटों और 12 बूथों में बांटा गया है। हालांकि इस ग्राम पंचायत में नागरिक परिसेवा देने की बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। यहां के लोगों ने कहा कि इस निर्णय को वापस नहीं लेने पर अदालत का दरवाजा खटखटाया जायेगा।
सिटीजन्स वेलफेयर फ्रेटरनिटी ने यह कहा
न्यूटाउन सिटीजन्स वेलफेयर फ्रेटरनिटी के सचिव समीर गुप्ता ने कहा कि चयनित नहीं बल्कि निर्वाचित जनप्रतिनिधि हमारी लंबे समय की मांग है। हालांकि आगामी पंचायत चुनाव में वोट डालने का फैसला एक राजनीतिक अस्पष्टता है। एक तरफ हमारी सरकार दावा करती है कि बंगाल में केवल न्यूटाउन ही एकमात्र स्मार्ट सिटी है। वहीं दूसरी तरफ यहां के नागरिकों को पंचायत चुनाव में वोट डालने की सलाह दी जाती है। दोनों प्रणालियां एक साथ कैसे चल सकती हैं ? हालांकि हम नागरिकों से अपील करेंगे कि वे चुनावी प्रक्रिया में खुद को शामिल करें। न्यूटाउन में भले ही एक लाख से अधिक लोग रहते हैं, लेकिन मतदाता केवल 14 से 15 हजार ही हैं। इस कारण नगरपालिका में शामिल होने की क्षमता अभी न्यूटाउन की नहीं हुई है।

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