
कोलकाता : जालसाजों का मदद करने के नाम पर फ्रॉड करने के एक नये अंदाज का खुलासा हुआ है। इसके लिए वे गूगल के सर्च इंजन का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बार उन्होंने कुछ नामी होटलों, कंपनियों, बैंकों, वॉलेट और ई-कॉमर्स आदि के नामों का इस्तेमाल करते हुए लोगों को ठगा है। मदद करने के नाम पर उन्होंने ठगे गए लोगों का पहले तो बैंक का पूरा ब्योरा लिया और इसके बाद उन्हें हजारों रुपए का चूना लगा दिया। इसके लिए उन्होंने इनकी फर्जी वेबसाइट तैयार की है। जालसाजों का यह गिरोह फर्जी वेबसाइट तैयार करने के बाद अपने नंबर और लिंक उससे अटैच कर देते हैं। इसके बाद वेबसाइट को बार-बार खोलते रहते हैं। इसलिए कि जब भी कुछ सर्च किया जाए तो उनकी वेबसाइट वाली लिंक पहले क्रम पर आ जाए। अधिकतर लोग पहले नंबर पर आने वाले वेबसाइट और नंबर को सही मान कर उसपर फोन करते हैं और जालसाजों की जाल में फंस जाते हैं।
रेस्तरां का टेबल बुक करने के नाम पर ठगी
पुलिस के अनुसार हाल ही में महानगर के एक व्यक्ति ने सर्च इंजन पर गुरुसदाय रोड स्थित एक रेस्तरां का टेबल बुक करने के लिए सर्च किया। इसके साथ ही एक वेबसाइट आया जिसपर रेस्तरां का नंबर और पता के साथ एक मोबाइल नंबर दिया हुआ था। जब इस नंबर पर फोन किया तो कहा गया कि वह उसके मोबाइल पर एक लिंक भेजा जा रहा है और उस पर क्लिक करके फॉर्म भर दें। इसके बाद टेबल बुकिंग चार्ज के तौर पर 10 रुपये दे दें। जालसाज की बातों में आकर ग्राहक ने 10 रुपये दे दिये और फॉर्म भी भर दिया। आरोप है कि इसके कुछ मिनट बाद ही जालसाजों ने उसके अकाउंट से हजारों रुपये निकाल लिए। ठगी का शक होने पर उसने रेस्तरां प्रबंधकों से शिकायत की। रेस्तरां के प्रबंधक भी ठगी के इस अंदाज को देख कर चौंक गए और उन्होंने कोलकाता पुलिस के साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी। जांच करने के बाद पुलिस ने जामताड़ा के 3 जालसाजों को गिरफ्तार किया है।
जालसाजों का एक और तरीका
जब भी कोई व्यक्ति जालसाजों के नंबर पर फोन करता है तो फोन उठाने वाला खुद को कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव बताते हुए पूछता है कि क्या रुपए वापस चाहिए। रुपये उसके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाएंगे। एक लिंक भेज रहे हैं बस उस पर क्लिक कर दीजिएगा। लिंक पर क्लिक करते ही उसके बैंक से जुड़ी सारी जानकारी जालसाजों को मिल जाती है। बैंक से आने वाला ओटीपी भी मिल जाता है और वे आसानी से रुपये निकाल लेते हैं।
विभिन्न पैंतरे से ग्राहकों की जानकारी हासिल करते हैं ठग
1. रिक्वेस्ट मनी फ्रॉड-जालसाज कई बार यूपीआई के रिक्वेस्ट फीचर का बेजा इस्तेमाल करते हैं। कई बार लोगों के मोबाइल पर मैसेज भेजते हैं कि रुपये पाने के लिए अपना यूपीआई पीन डालें। यूपीआई पीन डालने पर पेमेंट सक्सेसफुल का मेसेज आता है।
2. क्यूआरकोड फ्रॉड-इन दिनों जालसाज लोगों के मोबाइल पर ह्वाट्स-ऐप के जरिए क्यू आर कोड भेजते हैं। उनसे कहा जाता है कि अगर रुपये चाहिए तो क्यूआरकोड स्कैन करें। क्यू आर कोड स्कैन करते ही ग्राहक के अकाउंट से रुपये निकाल लिए जाते हैं।
क्या कहना है पुलिस का ?
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मुरलीधर शर्मा ने बताया कि नेट सर्च करने के दौरान हेल्पलाइन नं. के लिए जारी टोल फ्री नंंबर के अलावा किसी और नंबर पर फोन न करे। मोबाइल नं. का इस्तेमाल अधिकतर जालसाज करते हैं। किसी भी अज्ञात वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पेमेंट करने से बचना चाहिए।