
डीएम – एसपी से शिक्षा विभाग ने मांगी रिपोर्ट
बिना अनुमति शुरू करायी गयी यह क्लास – ब्रात्य बसु
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : बांकुड़ा में सिविक वालंटियर्स द्वारा सप्लीमेंटरी क्लासेज कराने के निर्णय ने एक जोरदार बहस छेड़ दी है। बांकुड़ा जिला पुलिस का ‘अंकुर’ प्रोजेक्ट भारी विवाद का सामना कर रहा है। बीजेपी और वाममोर्चा ने एक साथ राज्य सरकार और विपक्ष पर हमला बोला। इस मामले में शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने हस्तक्षेप किया। बांकुड़ा में सिविक वॉलंटियर्स द्वारा बच्चों को अंग्रेजी और गणित की सप्लीमेंटरी क्लासेज कराने के फैसले को शिक्षा विभाग ने फिलहाल स्थगित करने का निर्देश दिया है। क्यों बिना अनुमति के ही इस तरह से कक्षा कराने का फैसला लिया गया इस पर शिक्षा विभाग ने डीएम व एसपी से रिपोर्ट मांगी है। राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा कि इस बारे मे शिक्षा विभाग के सचिव ने वहां के डीएम व एसपी से बात की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश के तहत नहीं है। यहां तक कि स्कूल शिक्षा विभाग ने भी इस प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं दी है।
क्या कहा शिक्षा मंत्री ने
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग से अनुमति नहीं ली गयी थी। इसके लिये पहले स्थानीय प्रशासन को अनुमति लेनी होगी। यदि आवेदन शिक्षा विभाग द्वारा प्राप्त किया जाता है, तो इसे प्राथमिक शिक्षा बोर्ड की अकादमिक परिषद को अग्रसारित किया जाना चाहिए। इस मामले पर तभी विचार किया जा सकता है जब एकेडमिक काउंसिल इसे मंजूरी दे। इसलिए फिलहाल सिविक वालंटियर्स के साथ कक्षाएं लगाने के इस फैसले को स्थगित करने के लिए कहा गया है।
आखिर क्यों वॉलंटियर्स से क्लास लगाने को कहा गया ?
क्या इस तरह सिविक वॉलंटियर्स कक्षाएं ले सकते हैं? इस पर शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा कि इस मामले को एकेडमिक काउंसिल के फैसले पर छोड़ दिया गया है। मंत्री ने कहा कि इस बारे में मैं कोई बात नहीं कर सकता। इस पर वे विचार करेंगे जो एकेडमिक काउंसिल में हैं। स्थानीय स्तर पर ऐसा फैसला क्यों लिया गया है, जब तक कोई रिपोर्ट नहीं आएगी, तब तक कुछ भी कहना संभव नहीं है। हालांकि शिक्षा मंत्री ने यह जरूर कहा कि ऐसा कोई भी फैसला लेने से पहले शिक्षा विभाग से सलाह ली जानी चाहिए।
केंद्रीय राज्य शिक्षा मंत्री इसे शर्मनाक बताया
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने सिविक वॉलंटियर्स द्वारा स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के फैसले पर तंज कसा है। इसे ‘पश्चिम बंगाल की शर्म’ करार दिया।
क्या है मामला
बांकुड़ा जिला पुलिस ‘प्रोजेक्ट अंकुर’ के रूप में कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत ग्रामीण क्षेत्रों खास कर जंगल महल में रहने वाले प्राइमरी स्कूल के बच्चों को अंग्रेजी और गणित विषयों की कोचिंग देने की घोषणा की थी। एक स्वयं सेवी संस्था के साथ मिलकर बांकुड़ा जिला पुलिस ने यह प्रोजेक्ट शुरू करने की घोषणा की थी। मंगलवार को एसपी वैभव तिवारी ने संस्था के पदाधिकारियों की उपस्थिति में इस प्रोजेक्ट को लांच किया था। इस प्रोजेक्ट के तहत 124 सिविक वालंटियर्स को प्रशिक्षण दिये जाने पर फैसला लिया गया था। सिविक वॉलंटियर्स द्वारा सप्लीमेंटरी क्लासेज लिए जाने को लेकर विज्ञप्ति जारी की गयी है जिसे लेकर विवाद हो गया है।