
सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दुर्गा पूजा के दौरान 11 दिवसीय छुट्टी की घोषणा होने के बाद से हिमालयी राज्य सिक्किम के पर्यटन व्यवसायी तैयारियों में जुटे थे। हर साल दशहरा की छुट्टी के दौरान लाखों की संख्याय में पर्यटक सिक्किम पहुंचते हैं। वैश्विक महामारी कोविड की मार के दो साल बाद इस वर्ष पर्यटन से जुड़े व्यहवसायियों को अच्छे बिजनेस की उम्मीद थी। वैश्विक महामारी कोविड-19 के बाद व्यवसायियों के लिए यह सुनहरा अवसर भी है। मगर लगातार हो रही बारिश और सिलीगुड़ी से सिक्किम को जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-10) की जीर्ण स्थिति के कारण व्यवसायी परेशान हैं।
सड़क के कारण पर्यटक भी परेशान
हिमालयी राज्य होने के कारण थोड़ी सी भी बारिश में सिक्किम में भूस्खलन का डर रहता है। इसके अलावाा सड़क की बदहाल स्थिति के कारण भी सिक्किम को हर साल भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। राजधानी के पर्यटन व्यवसायी कहते है कि सड़क मार्ग के कारण पर्यटकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सिलीगुड़ी से सिक्किम पहुंचने में सात से आठ घंटे लग रहे हैं। पश्चिम बंगाल हो या सिक्किम सरकार अपने राज्य के राष्ट्रीय राजमार्ग-10 की सुधार को लेकर चिंतित नहीं दिखते हैं। ऐसी स्थिति है कि सिक्किम से छोटी गाड़ियां पर्यटक लेने के लिए सिलीगुड़ी जाने से मना करने लगे है। राजमार्ग की ऐसी स्थिति है तो राज्य में व्यवसाय कैसे आगे बढ़ेगा, यह चिंता का विषय है।
टैक्सी चालकों ने जताई नाराजगी
दशहरा के समय सिक्किम में पर्यटकों के आगमन पर राज्य के वाहन चालक भी खुश दिखाई दे रहे हैं। लेकिन टैक्सी वाहन चालक सड़क की स्थिति को लेकर काफी नाराज हैं। उनका कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग-10 देखने से लगता है कि हमारे द्वारा भुगतान किया गया टैक्स बेकार जा रहा है।