
बहुत जरूरी तक रेफर नहीं, टेलिमेडिसीन पर जोर
टॉल फ्री नम्बर पर रोजाना 30 – 40 आते हैं फोन
एक दिन में 7 बच्चों की जान गयी
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : राज्य में एडिनो वायरस का आतंक बढ़ रहा है। इसी बीच 24 घंटों में और 7 बच्चे तथा 9 दिनों में 36 बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। इन 7 में से एक बच्चे की मौत का कारण ‘एडेनोवायरल निमोनिया’ बताया गया है। हालांकि बाकी 6 बच्चों की मौत के कारणों को लेकर अधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है। मरने वाले सात बच्चों में से एक मटियाब्रुज और दूसरा मिनाखां का रहने वाला है। मटियाब्रुज के रहने वाले इस बच्चे को पिछले रविवार से बुखार, सांस लेने में तकलीफ समेत कई लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसी तरह के लक्षण वाले एक अन्य बच्चे को भी पिछले सोमवार से भर्ती कराया गया था। वहीं एक बच्चा को बनगांव अस्पताल से यहां बीसी राय में रेफर किया गया था।
राज्य सरकार की स्थिति पर नजर
राज्य की सीएम ममता बनर्जी इस स्थिति पर आपात बैठक भी कर चुकी हैं, तथा स्वास्थ्य विभाग लगातार नजर बनाये हुए है। स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल को निर्देश दिया है कि बहुत ज्यादा जरूरी नहीं हो तो कोलकाता में रेफर नहीं किया जाये। वहीं टेलि मेडिसीन पर जोर दिया जा रहा है।एक अधिकारी ने बताया कि रेफर के मामलों में कमी आयी है। टेलिमेडिसीन पर जोर देने के लिए निर्देेश है। वहीं जारी टोल फ्री नम्बर पर रोजाना कम से कम 40 फोन आते हैं। ज्यादातर लोग खुद ही बीमार बच्चों को लेकर डॉक्टर्स के पास चल जा रहे हैं।
परिजनों का आरोप, फीवर क्लीनिक बंद से नाराजगी
मृत बच्चों के परिवारों में से कुछ ने शिकायत की कि अस्पताल के आपातकालीन विभाग में पर्याप्त बेड नहीं हैं। इसलिए डॉक्टर कई क्रिटिकल बच्चों को साधारण बेड पर रखने को मजबूर हैं। एक अन्य परिजन ने कहा कि और ज्यादा से ज्यादा वेंटिलेटर की संख्या बढ़ानी चाहिए। वहीं रविवार को बीसी राय अस्पताल में फीवर क्लीनिक बंद होने से लोगों में नाराजगी थी।
2 महीने में 94 बच्चों की मौत !
राज्य में 2 महीने में 94 बच्चों की मौत हुई है। अकेले डॉ. बीसी राय अस्पताल में ही 39 बच्चों की मौत हुई है। रविवार को मरने वाले बच्चों में से एक के मृत्यु प्रमाण पत्र में ‘एडेनोवायरल निमोनिया’ को मृत्यु का कारण बताया गया है।
‘श्वसन संक्रमण का कारण केवल एडिनो ही नहीं’
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक श्वसन संक्रमण केवल एडिनो के कारण ही नहीं है। कोई भी वायरल इंफेक्शन इसका कारण बन सकता है। इसलिए यह कहना सही नहीं है कि सभी की मौत एडिनो के कारण हुई है। कई को गंभीर कॉमरेडिटी थी।
क्या कह रहे हैं डॉक्टर्स
डॉक्टरों को उम्मीद हैं कि जैसे-जैसे गरमी बढ़ेगी। एडिनो वायरस का प्रभाव कम होगा। हालांकि, फिलहाल राज्य में खास बीमारी से बच्चों की मौत के मामले जारी हैं। जो बच्चे पहले से संक्रमित हैं और अस्पताल में भर्ती हैं, वे धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं। हालांकि, क्रिटिकल केयर यूनिट में इलाज कराने वाले बच्चों में अभी भी कई बच्चों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि खांसने या छींकने से भी वायरस फैलता है। अगर कहीं सतह पर एडिनो वायरस मौजूद है और उसे कोई छूता हैं या उसके संपर्क में आता हैं तो वो व्यक्ति भी वायरस से संक्रमित हो सकता है। इस बात का मुख्य रूप से ध्यान रखें।