
- बेवजह बाहर निकलने से बच रहे लोग
- बसों की संख्या घटी : 60%
- मेट्रो में यात्री हुए आधे
- शॉपिंग मॉल्स में भी फुटफॉल 70-75% तक गिरा
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : कोरोना की तीसरी लहर ओमिक्रॉन के नाम से अब लोगों को डराने लगी है। 25 दिसम्बर, 31 दिसम्बर और न्यू ईयर का जश्न मनाने के बाद अब लोग बेवजह बाहर निकलने से बच रहे हैं। राज्य सरकार ने भी तेजी से फैल रहे कोरोना की चेन तोड़ने के लिए कई तरह की पाबंदियां लागू की हैं। इनमें रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू के साथ ही शॉपिंग मॉल्स, बार व रेस्टोरेंट में 50% की क्षमता कर दी गयी है। इसके अलावा सभी पर्यटन स्थल भी अब बंद कर दिये गये हैं जिन कारणों से लोग अधिक बाहर नहीं निकल रहे हैं।
सड़कों पर बसें हुईं कम
कोविड का डर बस ड्राइवरों और खलासियों में समा गया है। वहीं रात 10 बजे से नाइट कर्फ्यू चालू हो जा रही है। ऐसे में सड़कों पर बसों की संख्या भी कम हो गयी है। ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट के महासचिव तपन बनर्जी ने सन्मार्ग को बताया, ‘डीजल के दाम बढ़ने के साथ ही अब कोविड के डर से लोग भी कम बाहर निकल रहे हैं। जिलों से बसों के ड्राइवर भी आना नहीं चाह रहे हैं, इसके अलावा स्कूल, कॉलेज सब बंद है। काफी संख्या में बस ड्राइवर व खलासी भी कोविड संक्रमित हो गये हैं जिन कारणों से बसों की संख्या कम हो गयी है। महानगर में यूं तो रोजाना 7,500 बसें चलती हैं, लेकिन दिसम्बर महीने के अंत से बसों की संख्या कम होने लगी और अब 40% बसें ही चल रही हैं।’
पर्यटन स्थल और पार्क हो गये हैं बंद
राज्य सरकार द्वारा लागू की गयी पाबंदियों के तहत राज्य के सभी पर्यटन स्थलों और पार्कों को बंद किया जा चुका है। ऐसे में जाड़े के समय में चिड़ियाखाना, विक्टोरिया, इंडियन म्यूजियम, ईको पार्क, मिलेनियम पार्क आदि स्थानों पर घूमने वालों की जो भीड़ होती है, वह भीड़ नहीं हो रही है।
ट्रेनों और मेट्रो में भीड़ हुई कम
लोग बाहर कम ही निकल रहे हैं, इस कारण ट्रेनों और मेट्रो में भी लोगों की भीड़ कम होने लगी है। जिस मेट्रो में 31 दिसम्बर को लगभग 3,64,539 यात्रियों और क्रिसमस के दिन 4,33,619 यात्रियों ने यात्रा की थी, वहां गत गुरुवार को 2,19,428 यात्रियों ने यात्रा की। वहीं गत शुक्रवार काे शाम 7 बजे तक केवल 1,84,000 यात्रियों ने मेट्रो में सवारी की। इसी प्रकार ट्रेन में भी यात्रियों की संख्या काफी कम हो गयी है और लोग केवल अपने काम से ही बाहर निकल रहे हैं। इसी तरह लोकल ट्रेनों में भी यात्रियों की संख्या में कुछ गिरावट दर्ज की गयी है। पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी एकलव्य चक्रवर्ती ने बताया, ‘लोकल ट्रेनों में भीड़ ठीक है, काफी कम गिरावट हुई है। वहीं दूरगामी ट्रेनें जैसे कि राजधानी, पूर्वा, शताब्दी आदि पूरी तरह हाउसफुल जा रही हैं। ट्रेनों में हम 50% सीटिंग कराना चाह रहे हैं, लेकिन ये काफी मुश्किल है। सामान्य तौर पर हावड़ा में रोजाना 8 से 9 लाख और सियालदह में 15 से 16 लाख यात्री आते हैं।’
शॉपिंग मॉल्स में गिरा फुटफॉल
कोविड का असर शॉपिंग मॉल्स में भी दिखने लगा है और फुटफॉल यहां काफी कम हो गये हैं। अम्बुजा नेवटिया ग्रुप के होलटाइम डायरेक्टर (मार्केटिंग एण्ड इवेंट्स) रमेश पाण्डेय ने सन्मार्ग से कहा, ‘फुटफॉल में लगभग 40% तक गिरावट आयी है। हालांकि रिटेलर्स उम्मीद कर रहे हैं कि लगभग एक महीने तक ऐसा रहेगा। अगर फिर कोई नया वैरिएंट नहीं आये तो स्थितियां इसके बाद पुनः ठीक हो सकती हैं। ऐसे में एक महीने वेट एण्ड वॉच की स्थिति रहेगी।’ साउथ सिटी मॉल प्रोजेक्ट्स के वाइस प्रेसिडेंट मनमोहन बागड़ी ने कहा, ‘न्यू ईयर के बाद पहले शनिवार को केवल 15,000 के तकरीबन ही फुटफॉल हुआ जबकि पिछले साल ये संख्या लगभग 90,000 और वर्ष 2020 में 84,000 थी। आम तौर पर वीकेंड पर और शनिवार को लगभग 75,000 लोगों की भीड़ होती है। इस समय एण्ड ऑफ सीजन सेल का होता है और सबसे ज्यादा बिक्री इसी समय होती है, लेकिन अभी कोरोना की तीसरी लहर के कारण स्थिति विपरीत हो गयी है और बिक्री काफी कम है।’ इसी तरह एक्रोपॉलिस मॉल के जीएम के. विजयन ने कहा, ‘कोलकाता के लोगों का मूड बदल गया है और लोग घरों में बंद हो गये हैं। लोगों में कोविड काे लेकर डर उत्पन्न हो गया है। जनवरी के पहले वीकेंड पर इसका भारी असर पड़ा। गत दिसम्बर के अंतिम सप्ताह की तुलना में इस शनिवार को फुटफॉल लगभग 34% कम हुआ। फूड कोर्ट पर काफी अधिक असर पड़ा और जनवरी के पहले सप्ताह में बिक्री गत सप्ताह की तुलना में 30% तक घट गयी। हालांकि ये संक्रमण घातक कम है और जल्द ही लोग ठीक हो जा रहे हैं। इस कारण स्थिति जल्द ठीक होने की उम्मीद है।’