
ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के नाम पर करोड़ों वसूलने का है आरोप
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : दिवाली बाद ईडी की छानबीन फिर तेज हो गयी है। सूत्रों की माने तो बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार में बहुत जल्द बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इस मामले में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। ईडी की टीम ने फिर से मानिक भट्टाचार्य के करीबी तापस मंडल को तलब किया है। आगामी 2 नवंबर को उन्हें फिर से सीजीओ कांप्लेक्स स्थित ईडी दफ्तर में बुलाया गया है। पिछले दिनों उनसे घंटों पूछताछ की गयी थी। उनसे कई दस्तावेजों को लाने के लिए कहा गया है। ईडी सूत्रों के मुताबिक बीएड कॉलेजों के जरिए ऑनलाइन के बजाय ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के नाम पर हजारों युवाओं से रुपये ऐठें गये थे। ऐसा प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष मानिक भट्टाचार्य के कहने पर किया जाता था। आरोप है कि इसकी एक राशि तापस रख लेते थे तो दूसरा बड़ा हिस्सा मानिक व अन्य में बांटा जाता था। 600 बीएड सह डीएलईडी कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों से प्रति छात्र हजारों रुपये की राशि ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के नाम पर ली गयी थी जो इन नेताओं के पास भेजी गयी थी। ईडी सूत्रों ने बताया है कि वर्ष 2018 से 2022 तक के शिक्षा वर्ष के दौरान डीएलईडी कॉलेजों में बड़े पैमाने पर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के नाम पर धनराशि वसूली गई है। उल्लेखनीय है कि ईडी की टीम ने मानिक भट्टाचार्य के पास 10 करोड़, पत्नी के पास 3 करोड़ और बेटे के पास पौने तीन करोड़ रुपए का खुलासा किया था।
पार्थ चटर्जी को भी मुंह बंद रखने की मिलती थी मोटी रकम
आरोप है कि मानिक के खिलाफ कोई कुछ भी कह ले पार्थ चटर्जी किसी की नहीं सुनते थे। इसका कारण यह है कि उन्हें मानिक से बेहद लगाव था। लगाव भी उस स्तर का कि उनके खिलाफ की गयी शिकायत वाले ह्वॉट्स अप मैसेज को वे सीधे फिर से मानिक को ही भेज देते थे और शिकायत कर्ता को तसल्ली दी जाती थी कि मानिक के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जा रहा है। इसके लिए उन तक बड़ी रकम पहुंचायी जाती है। तापस मंडल से पूछताछ में एक और बात सामने आयी है कि उसे एक टारगेट भी दिया जाता था। उससे और जानकारी हासिल करने के लिए फिर से पूछताछ के लिए तलब किया गया है। तीसरी बार उनसे पूछताछ होगी। 600 कॉलेजों के कितने छात्रों से पैसे लिए गए हैं, इस बारे में दस्तावेज लेकर आने को कहा गया है। इसके पहले भी ईडी अधिकारियों ने तापस से पूछताछ की थी। उनके टीचर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट से काफी दस्तवेज बरामद किये गये थे। दरअसल गत 11 अक्टूबर को मानिक को गिरफ्तार किया गया था। मानिक के यहां छापामारी में एक फोल्डर में 4 हजार आवेदकों के नाम मिले हैं और उनमें से 2500 को नियुक्ति दी गई थी। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि ऐसे छह सौ इंस्टिट्यूट थे जिनमें ऑफ लाइन भर्ती के लिए प्रत्येक को पांच हजार रुपए रिश्वत में देने पड़ते थे। मानिक भट्टाचार्या के पुत्र सौभिक भट्टाचार्या के इंस्टिट्यूट से पौने तीन करोड़ रुपए के आर्थिक लेनदेन का खुलासा हुआ है। ईडी ने सेशन कोर्ट के विशेष अदालत में मंगलवार को इसका खुलासा किया था।