गड्ढों और खाली प्लॉट में भरा पानी दे रहा डेंगू को न्योता
कूड़ेदान की लंबे समय से नहीं की गई है सफाई
वार्ड में डेंगू के 86 मामले
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : कोरोना के प्रकोप से बाहर निकलने के बाद लोग जब सामान्य जीवन में वापस लौटने की कोशिश में जुटे हैं, उसी दौरान महानगर में एक और खतरनाक संक्रमण का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है। बीते चार वर्षों की तुलना में इस साल डेंगू की स्थिति सबसे भयावह है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार कोलकाता में डेंगू का आंकड़ा पांच हजार पार कर चुका है। एक तरफ जहां स्वास्थ्य विभाग ने कोलकाता नगर निगम को डेंगू की रोकथाम के लिए कड़ी फटकार लगाते हुए सक्रियता के साथ कार्य करने का निर्देश दिया है तो वहीं दूसरी तरफ निगम के अधिकारी डेंगू की बढ़ती रफ्तार के लिए आम लोगों के माथे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग सूत्रों के अनुसार कोलकाता नगर निगम के 14 वार्ड डेंगू से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इनमें वार्ड 3, 81, 82, 93, 98, 99, 100, 101, 106, 107, 109, 112, 115, 131 शामिल हैं। हालांकि, बीते कुछ दिनों में वार्ड 58 अंतर्गत टेंगरा इलाके में डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बीते दिनों इस वार्ड के एक युवक और एक गर्भवती महिला की डेंगू से मौत हो गई। 11 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला यह वार्ड केएमसी का सबसे बड़ा वार्ड है। वार्ड में अब तक डेंगू के 86 मामले सामने आए हैं। 1 लाख 20 हजार की आबादी वाले इस वार्ड में कई बस्ती इलाके और जलाशय स्थित हैं जहां कचरों का अम्बार लगा पड़ा है, तो वहीं बेहाल अवस्था में पड़ी सड़कों के गद्ढों और खाली प्लॉट में भरे गंदे पानी वार्ड में मच्छरजनित बीमारियों को न्योता दे रहे हैं। वार्ड 58 में सबसे खराब हालत गोविंद खटिक रोड और पुलिन खटिक रोड इलाके की है। सड़क की दोनों तरफ फेंके पड़े प्लास्टिक के थैलों में भरा कूड़ा इतना पुराना हो चला है कि वहां से दुर्गंध आने लगी है। वहीं नगर निगम द्वारा चौराहों पर रखा गया कूड़ादान कचरों से भरा पड़ा है। कूड़ेदान को देखने से प्रतीत होता है कि बीते कई दिनों से निगम के सफाई कर्मचारियों ने कचरा नहीं हटाया है। वहीं जलाशयों के सामने जमे कचरे भी वार्ड में डेंगू की स्थिति गंभीर होने की प्रमुख वजह हैं। वार्ड 58 के पार्षद और एमएमआईसी संदीपन साहा ने बताया कि डेंगू की रोकथाम के लिए वार्ड के सभी क्लबों को एकजुट कर बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। फॉगिंग मशीन और ड्रोन की सहायता से वार्ड में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है। टेंगरा इलाके में होटलों की संख्या काफी अधिक है। ऐसे में होटल के मालिकों को खाने की वस्तुओं को फेंकने के बजाए गरीबों के बीच बांटने की सलाह दी गई है। बासी भोजन को जहां- तहां फेंकने की वजह से भी डेंगू के मच्छर ज्यादा पनपते हैं। वार्ड में स्थित बस्ती इलाके और आवासनों की कमेटियों को पानी की टंकी खुले अवस्था में न छोड़ने की हिदायत दी गई है। गौरतलब है कि वार्ड 58 के निवासी बुबाई हाजरा और रिंकी भट्टाचार्य की डेंगू से मौत हो गई थी। महानगर में डेंगू से अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है।
टेंगरा में तेजी से पांव पसार रहा डेंगू
Visited 89 times, 1 visit(s) today