वोकल फॉर लोकल के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : इस साल कोविड काल को पार करते हुए लोग धूमधाम से त्योहारी मौसम का लुत्फ उठा रहे हैं। कुछ ही दिनों में रोशनी का त्योहार दिवाली भी पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा। इसके लिए तैयारी चालू है और लोग खरीदारियों में जुटे हुए हैं। वहीं रोशनी फैलाने वाली मोमबत्तियों और दीयों की बात करें तोे इस बार दिवाली पर भारतीय दीयों और मोमबत्तियों की मांग काफी बढ़ी है जबकि चाइनीज मोमबत्तियों व दीयों की बिक्री काफी कम है।
50% तक कम आये चाइनीज दीये व मोमबत्ती
गत वर्षों से ही चाइनीज की बिक्री कम हो जाने के कारण इस बार दिवाली पर चाइनीज दीयाें और मोमबत्तियों की सप्लाई भी कम आयी। इस बारे में सीडब्ल्यूबीटीए (कन्फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रेड एसोसिएशन) के अध्यक्ष सुशील पोद्दार ने कहा, ‘इस बार दिवाली पर चाइनीज दीये 50% तक कम आये हैं क्योंकि मांग ना के बराबर है। भारतीय दीयों और मोमबत्तियों की मांग काफी अच्छी है। वोकल फॉर लोकल अभियान से अधिक इसका कारण है कि चाइनीज उत्पादों की गुणवत्ता ठीक नहीं रहती है जबकि भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता सही रहती है। ना केवल दीयों और मोमबत्तियों बल्कि लाइट्स का भी यही हाल है। चाइनीज के बजाय इंडियन लाइट्स की मांग काफी अधिक है।’
बढ़ा मिट्टी का दाम, श्रमिकों की मजदूरी भी
मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ने के साथ ही मिट्टी का दाम भी बढ़ गया है जिस कारण काफी मांग रहने के बावजूद कुम्हारों को पर्याप्त रुपये नहीं मिल पा रहे हैं। केवल मिट्टी के दाम ही नहीं बल्कि श्रमिकों की मजदूरी भी बढ़ गयी है। दुकानों में पहुंचाने के लिए परिवहन खर्च भी काफी अधिक बढ़ा है, ऐसे में बढ़ी मांग के बावजूद कुम्हारों के चेहरों की रौनक नहीं लौट पायी है।
कैट ने किया अपनी दिवाली भारतीय दिवाली मनाने का आह्वान
दिवाली की खरीद एवं अन्य सेवाओं के जरिये लगभग ढाई लाख करोड़ रुपये की तरलता बाजार में आने की संभावना है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया व राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि इस वर्ष दिवाली में भारतीय उत्पादों की बिक्री एवं खरीद पर ज्यादा जोर है जिस कारण चीन को देश के व्यापारियों ने लगभग 60 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का झटका दिया है। यह वो आंकड़ा है जो पहले चीन दिवाली की बिक्री से संबंधित सामान भारत को निर्यात करता था। गलवान की घटना के बाद भारतीय ग्राहकों ने अब चीनी सामान मंगाना छोड़ दिया है जिससे भारतीय उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने में बहुत जोर मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल एवं आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ाते हुए कैट ने देश भर के व्यापारियों से इस दिवाली को ‘अपनी दिवाली भारतीय दिवाली’ के रूप में मनाने का आह्वान किया है।
फ्लोटिंग और सेंटेड मोमबत्तियों की काफी है मांग
लगभग ढाई वर्षों से हैंडमेड मोमबत्तियों की निर्माता सिक्स्थ सेंस की खुशबू गौरीसरिया ने कहा, ‘भारतीय मोमबत्तियों की मांग इस बार काफी अधिक है। दीयों में भी मिट्टी के दीयों की मांग है जबकि पहले लाइट या बैटरी वाले दीयों की मांग होती थी। हालांकि इस बार फ्लोटिंग और सेंटेड मोमबत्तियों की मांग अच्छी है। हैंडमेड उत्पादों को लोग काफी पसंद कर रहे हैं।’
क्या कहते हैं दुकानदार
राम मंदिर में दुकान चलाने वाले दीपक कुमार गुप्ता ने कहा, ‘इस बार हमने दुकान में चाइनीज मोमबत्ती व दीये रखे ही नहीं हैं क्योंकि चाइनीज की बिक्री ना के बराबर है। लोग मिट्टी के दीये व भारतीय मोमबत्ती ही पसंद कर रहे हैं। पहले चाइनीज की बिक्री काफी अधिक होती थी, लेकिन वाेकल फॉर लोकल अभियान के बाद से भारतीय मोमबत्तियों व दीयों की बिक्री काफी बढ़ी है।’
दिवाली पर बढ़ी भारतीय मोमबत्तियों की मांग, चाइनीज की बिक्री घटी
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