
हाई कोर्ट के जस्टिस मंथा ने दिया आदेश
शिकायती ने एफिडेविट दाखिल करके लगाया जोरजबर्दस्ती का आरोप
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के भाई सौमेंदु अधिकारी के करीबी के खिलाफ कांथी थाने में जबरन एफआईआर दर्ज करायी गई है। एफआईआर दायर करने वाली महिला ने हाई कोर्ट में एफिडेविट दाखिल कर के आरोप लगाया है कि उसे जबरन उसके घर से उठा कर लाया गया और एफआईआर की तहरीर पर दस्तखत करने के मजबूर किया गया। जस्टिस राजाशेखर मंथा ने सीबीआई को इसकी जांच कर के दो माह के अंदर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।
एडवोकेट सब्यसाची चटर्जी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि फ्रेंड कोऑपरेटिव सोसाइटी की सचिव काकली पंडा ने एफिडेविट दाखिल किया है। इसमें कहा गया है कि कुछ लोग उसे जबरन उसके घर से उठा कर ले आए और रामचंद्र पंडा के खिलाफ 28 नवंबर को एफआईआर दर्ज करायी गई। तहरीर पहले से तैयार था और उससे जबरन उस पर दस्तखत कराया गया। इसके बाद सौमेंदु अधिकारी के करीबी रामचंद्र पंडा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जस्टिस मंथा ने इस मामले की गंभीरता का हवाला देते हुए काकली पंडा को आदेश दिया कि वे एफआईआर की कापी सीबीआई के कोलकाता के अतिरिक्त निदेशक को दें। इसके साथ ही सीबीआई को आदेश दिया कि वह नये सिरे से एफआईआर दर्ज कर के यह पता लगाए कि किन लोगों ने एफआईआर दर्ज करने को मजबूर किया था। इस मामले में सीआरपीएफ को भी पार्टी बनाने का आदेश दिया है। जस्टिस मंथा ने सीआरपीएफ के कमांडर को आदेश दिया कि वे सीआरपीएफ के पहरे में काकोली को हाई कोर्ट से कांथी ले जाने की व्यवस्था करेंगे और इसके साथ ही उन्हें सीआरपीएफ की सुरक्षा मुहैया करायी जाए। जस्टिस मंथा ने रामचंद्र पंडा को जमानत पर रिहा करने और आपराधिक मामले की कार्यवाही पर रोक लगाने का आदेश दिया। रामचंद्र पंडा को भी सीआरपीएफ की सुरक्षा मुहैया करायी जाने का आदेश दिया है। यहां गौरतलब है कि कांथी श्मशान घाट में कुछ निर्माण कार्य 2019 में कराए गए थे और इसमें घोटाला करने का आरोप लगाते हुए 2022 में मामले दायर किए गए थे और इसी सिलसिले में 28 नवंबर को नयी एफआईआर दर्ज करने के बाद रामचंद्र पंडा को गिरफ्तार किया गया था।