
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों पर कार्यरत 50 लोगों से सीबीआई की टीम ने पूछताछ की। सीबीआई सूत्रों की माने तो इन पर आरोप है कि इन लोगों ने रुपये देकर नौकरी हासिल की है। इनसे पूछा गया कि आखिर नौकरी की सिफारिश करने में मिडिल मैन कौन था ? सीबीआई ने मंगलवाल को इसके लिए ग्रुप सी, ग्रुप डी पदों पर कार्यरत इन लोगों को तलब किया। ये सभी मुर्शिदाबाद और पूर्व व पश्चिम मिदनापुर के रहने वाले हैं। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, उनसे उनके नौकरी के बारे में पूछताछ की। सीबीआई अधिकारी ने पूछा कि उन्हें यह नौकरी कैसे मिली। किसने दिया और इसके लिए इन लोगों ने कितने रुपये खर्च किये। केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इसमें किसी रसूखदार का सहयोग था या नहीं। कलकत्ता हाईकोर्ट में सीबीआई के विशेष जांच दल के प्रमुख ने बताया था कि ग्रुप सी, ग्रुप डी, नौवीं – दसवीं और ग्यारहवीं-बारहवीं में करीब 21 हजार पदों पर भ्रष्टाचार के जरिये नियुक्तियां की गयी है। 9 हजार ओएमआर शीट में भी गड़बड़ियां की गयी थी। सीबीआई ने ग्रुप सी और डी के पदों पर कार्यरत इन 50 लोगों को पूछताछ की। अभी और लोगों को बुलाया जाएगा।
किसकी सिफारिश पर मिली नौकरी, सीबीआई ने पूछा
केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे है कि आखिर इन लोगों को नौकरी कैसे मिली। कौन-कौन लोग और इसमें शामिल हैं, जिन लोगों ने मिडिल मैन का काम किया था। इसमें किसी रसूखदार का सहयोग है या नहीं। सीबीआई की टीम ने कोर्ट में बताया था कि जब छापामारी की गयी थी तब एसएससी के सर्वर से तो सब कुछ लापता था। इसके बाद कम्प्यूटर के हार्ड डिस्क को गाजियाबाद में जांच के लिए भेजी गयी जहां से काफी चौंकाने वाले तथ्य सामने आये। इसके अलावा वेटिंग लिस्ट हो या मेरिट लिस्ट हर जगह घपला किया गया था। इस बारे में आये नये-नये तथ्य सामने आ रहे हैं। सूत्र बताते हैं अभी हजारों उम्मीदवारों का बयान लेना है जिन्हें नौकरी नहीं मिली। वहीं उनसे भी पूछताछ होनी है जो कि भ्रष्टाचार का सहारा लेकर नौकरी हासिल कर चुके हैं।