
अलीपुरद्वार : अलीपुरद्वार से भाजपा सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री जॉन बारला ने जून में उत्तर बंगाल के सभी जिलों को मिलाकर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की थी। हाल में भी केंद्रीय राज्य मंत्री ने फिर से अलग उत्तर बंगाल राज्य की मांग करते हुए कहा कि यह इलाके की जानता की मांग है। अब उनकी मांग का बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी समर्थन करते हुए शनिवार को जलपाईगुड़ी में कहा कि यह मांग ‘अवैध’ नहीं है। बता दें कि जॉन बारला की मांग के बाद भाजपा सांसद सौमित्र खान ने मिदनापुर, बांकुड़ा और पुरुलिया जिलों के वन क्षेत्रों को मिलाकर जंगलमहल को अलग राज्य बनाने की मांग की थी। पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने उत्तर बंगाल में अलग राज्य और पूर्व माओवाद प्रभावित जंगलमहल की मांग को अपना समर्थन दिया और ममता बनर्जी के ‘कुशासन’ को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।
अलग राज्य की मांग पकड़ रही है जोर
केंद्रीय मंत्री जॉन बारला के साथ जलपाईगुड़ी में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए दिलीप घोष ने कहा, ‘अगर एक अलग उत्तर बंगाल या जंगलमहल की मांग जोर पकड़ती है, तो इसकी जिम्मेदारी ममता बनर्जी को लेनी होगी।’ घोष ने पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से में विकास नहीं होने के लिए ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार पर दोष मढ़ा। हालांकि, घोष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बंगाल के विभाजन का समर्थन नहीं करती है। घोष ने कहा कि जनप्रतिनिधि के रूप में बारला अलीपुरद्वार के लोगों की मांग को रख रहे थे। जलपाईगुड़ी की यात्रा के दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘लोगों की आवाज उठाने के लिए उन्हें (बारला) अलगाववादी नहीं कहा जा सकता है।’ केंद्रीय मंत्री बारला जून में विवादों में घिर गए थे क्योंकि उन्होंने उत्तर बंगाल के सभी जिलों को मिलाकर एक केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग की थी। उस वक्त घोष ने कहा था कि बारला ने निजी तौर पर यह टिप्पणी की है और भाजपा इसके पक्ष में नहीं है।
टीएमसी ने अलग राज्य की मांग का किया विरोध
वहीं, घोष के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने जानना चाहा कि ‘अगर उत्तर बंगाल के लोग जाहिर तौर पर यही चाहते हैं’ तो विधानसभा चुनावों के दौरान एक अलग केंद्र शासित प्रदेश की मांग क्यों नहीं उठाई गई। उन्होंने कहा, ‘दिलीप बाबू या दिल्ली के नेता विधानसभा चुनावों के लिए अपने प्रचार के दौरान एक रुख अपनाते हुए क्यों नहीं बोल रहे थे? यह पाखंड क्यों?’ तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा, ‘अगर भाजपा ने इस तरह की राय पहले जाहिर की होती, तो पश्चिम बंगाल के मतदाता उसके रुख से अवगत होते।