
जादवपुर में 40 उजड़े हुए घर, दिखा चुनावी हिंसा का मंजर
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा की जांच करने आयी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम के अधिकारियों के सामने ही भाजपा और तृणमूल के समर्थक आपस में भीड़ गये। इतना ही नहीं आयोग की टीम के अधिकारी का आरोप है कि जांच के दौरान उन पर भी हमला किया गया। जांच के लिए आयोग की टीम मंगलवार को यादवपुर पहुंचे थे। बताया गया है कि जांच में दलितों के 40 घर ऐसे मिले है जां हिंसा का शिकार हुए है। वह पूरी तरह तबाह हो चुके है, वहां की तस्वीर साफ बयां कर रही है कि कैसे चुनावी हिंसा को अंजाम दिया गया।
आयोग के सदस्य आतिफ रशीद ने अपने साथ बदसलूकी होने की बात की। आतिफ रशीद ने घटना को लेकर सिलसिलेवार ट्वीट भी किए हैं, जिसमें टूटे हुए घरों को दिखाया गया है।
दरअसल चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामले को लेकर आयोग के अध्यक्ष ने कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर यह समिति गठित की थी। कोर्ट ने चुनाव बाद हिंसा के दौरान हुए मानवाधिकार उल्लंघनों के आरोपों की जांच के लिए इसका गठन किया था। समिति के सदस्यों ने साल्ट लेक में सोमवार तक पीड़ितों से मुलाकात कर उनकी शिकायतें ली थी।